भोजपुरी फिल्मों में परोसी जा रही है अश्लीलता

भोजपुरी फिल्मों में अश्लीलता परोसी जा रही है़ इस पर रोक लगाने की जरूरत है़ इससे भोजपुरी भाषा पर बुरा असर पड़ रहा है़ फिल्मों में गीतों का फिल्मांकन भी गलत तरीके से किया जाता है़ इतना ही नहीं गाने दोअर्थी शब्दों का भरमार रहता है़ आजकल एक भी फिल्म ऐसी नहीं बन रही है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2019 8:46 AM
भोजपुरी फिल्मों में अश्लीलता परोसी जा रही है़ इस पर रोक लगाने की जरूरत है़ इससे भोजपुरी भाषा पर बुरा असर पड़ रहा है़ फिल्मों में गीतों का फिल्मांकन भी गलत तरीके से किया जाता है़ इतना ही नहीं गाने दोअर्थी शब्दों का भरमार रहता है़ आजकल एक भी फिल्म ऐसी नहीं बन रही है जिसे परिवार के साथ बैठकर देखा जा सके़ गीता का तो कहना ही नहीं. गीत इतने अश्लील होते हैं कि घर में सुनना मुश्किल है.
इससे समाज पर बुरा असर पड़ रहा है. कलाकारों को भी ऐसी फिल्म बनाने से परहेज करना चाहिए. कलाकार भी इसी समाज के हिस्सा है, इसलिए इनकी भी जिम्मेदारी है कि समाज में बेहतर संदेश जाये. भोजपुरी मीठी भाषा है. इसमें हास-परिहास भी है. लेकिन, अश्लीलता की कोई जगह नहीं है. फिल्मकारों को ऐसी फिल्म बनानी चाहिए, जो साफ-सुथरी हो. बाजार की मांग और पैसों के लिए कलाकार अश्लीलता की सीमा पार कर रहे हैं. इसके लिए समाज के लोगों को भी जागरूक होना होगा.
डाॅ रवि अभिषेक, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)

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