जनता को सच जानने का हक

जब संसद में नागरिकता संशोधन बिल पर बहस हो रही थी, तब गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि एनआरसी पूरे देश में लागू होकर रहेगा. दूसरी तरफ प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि देशवासियों को घबराने की जरूरत नहीं है, एनआरसी पूरे देश में लागू नहीं होगा. एनआरसी लागू हो या ना हो, यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2019 7:48 AM

जब संसद में नागरिकता संशोधन बिल पर बहस हो रही थी, तब गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि एनआरसी पूरे देश में लागू होकर रहेगा. दूसरी तरफ प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि देशवासियों को घबराने की जरूरत नहीं है, एनआरसी पूरे देश में लागू नहीं होगा. एनआरसी लागू हो या ना हो, यह अलग बात है.

लेकिन, एक ही विषय पर देश के प्रधानमंत्री व गृह मंत्री के अलग-अलग कथन भ्रम पैदा करते हैं. देश के लोग, चाहे वे कोई भी धर्म व जाति के हों, अगर किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होते हैं और उनके हितों पर चोट नहीं पहुंचती है, तो वाकई में घबराने की कोई जरूरत नहीं है. लेकिन, सवाल यह है कि सच कौन बोल रहा है और झूठ कौन बोल रहा है? उंगलियां देश के प्रधानमंत्री व गृह मंत्री दोनों पर उठ रही हैं. जो भी सच्चाई है, वह जनता के सामने आनी चाहिए, ताकि जनता में ऊहापोह पैदा न हो. जनता को सच जानने का हक है.

हेमा हरि उपाध्याय, उज्जैन, मध्य प्रदेश

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