डर भगाने का डर वाला नुस्खा!

नागरिकता संशोधन कानून संसद से होते हुए सड़कों पर आ गया. इससे पहले राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर असम में आजमाया गया जो लगभग असफल रहा है. उल्टा एनआरसी को लागू करने के तौर तरीकों ने देश में अनिश्चितता और भय का माहौल बना दिया. विरोध में विश्वविद्यालयी छात्रों की अगुआई में लोग सड़कों पर उतर आये. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2019 6:50 AM

नागरिकता संशोधन कानून संसद से होते हुए सड़कों पर आ गया. इससे पहले राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर असम में आजमाया गया जो लगभग असफल रहा है. उल्टा एनआरसी को लागू करने के तौर तरीकों ने देश में अनिश्चितता और भय का माहौल बना दिया.

विरोध में विश्वविद्यालयी छात्रों की अगुआई में लोग सड़कों पर उतर आये. प्रेस वार्ता, विज्ञापन और टीवी डिबेट से भ्रम और डर की तस्वीर साफ नहीं हुई. और सड़क पर सरकार और कानून समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा. नारों में भड़काऊ जुमले गूंज उठे और डर भगाने का डर वाला नुस्खा सड़कों पर आ गया. शिक्षा, बेरोजगारी, आर्थिक मंदी जैसे मसले पीछे छूट चुके हैं. विरोध और समर्थन की राजनीति से हटकर देश को भ्रम के कोहरे से निकालने की सियासी पहल होनी चाहिए.

एम के मिश्रा, रातू, झारखंड

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