तो सेंसेक्स होईए

आलोक पुराणिक वरिष्ठ व्यंग्यकार puranika@gmail.com साल 2019 निकल ही गया. जो 2019 में लोकसभा या विधानसभा चुनाव हारे हैं, उनकी तो दुआ यही है कि 2019 से 2024 तक का वक्त ऐसे निकल जाये, जैसे कुछ सेकेंड निकलते हैं और जो 2019 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव जीते हैं, उनकी दुआ यह है कि काश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2019 7:31 AM

आलोक पुराणिक

वरिष्ठ व्यंग्यकार

puranika@gmail.com

साल 2019 निकल ही गया. जो 2019 में लोकसभा या विधानसभा चुनाव हारे हैं, उनकी तो दुआ यही है कि 2019 से 2024 तक का वक्त ऐसे निकल जाये, जैसे कुछ सेकेंड निकलते हैं और जो 2019 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव जीते हैं, उनकी दुआ यह है कि काश 2019 कभी बीते ही नहीं.

तो वक्त कितनी स्पीड से निकलता है, 2019 कितनी स्पीड से निकला है, यह इस बात के आधार पर तय होना है कि कौन जीता है कौन हारा है.

साल 2019 में बहुत हारे और बहुत जीते. हारनेवाला कहता है कि मेरी नैतिक जीत हुई है. यद्यपि कोई नैतिक जीत चाहता नहीं है, सबको सच्ची वाली जीत ही चाहिए होती है. फिर भी बंदा बनाने को कुछ भी बातें बना सकता है. नेता आम तौर पर कुछ ना कुछ बना ही रहे होते हैं, जब वह अपने या अपने परिजनों की प्रॉपर्टी नहीं बना रहे होते हैं, तो वे पब्लिक को बेवकूफ बना रहे होते हैं. जब पब्लिक को बेवकूफ भी नहीं बना रहे होते हैं, तब फोकटी की बातें बना रहे होते हैं. बनाने के काम में लगे नेता खुद को राष्ट्र निर्माता कहते हैं. साल 2019 में भी उन्होंने ऐसे ही कहा.

साल 2019 में भी पाकिस्तान में सेना पाकिस्तानी पीएम को डपटती रही. इसमें भी पाकिस्तान में टमाटर कम और एटम बम ज्यादा पाये जाते रहे. दुनिया जहान के आतंक की जड़ें पाकिस्तान में मिलती रहीं.

कुल मिला कर पाकिस्तान पाकिस्तान ही रहा, बल्कि 2019 में पाकिस्तान और ज्यादा पाकिस्तान हो गया, आतंकी और गहरे होकर आर्मी में घुस गये और आर्मी और गहरे होकर आइएस में घुस गयी. आइएस और गहराई से पाकिस्तानी पीएम में धंस गयी.

साल 2019 में मंदी आ गयी. अभिषेक बच्चन, उदय चोपड़ा को काम न मिलना, तो सहज स्थिति की बात है, शाहरुख को काम मिलने में भी दिक्कतें आने लगीं. अर्थव्यवस्था में मंदी कतई नहीं है, यह बात सिर्फ अमिताभ बच्चन साबित करते हैं, जो सुबह ज्वेलरी बेचने निकलते हैं और देर रात खेत में चलनेवाले पंप बेचते हैं इश्तिहारों में. बच्चन जैसे कर्मठ बुजुर्ग हों, तो अर्थव्यवस्था कभी मंदी में नहीं आ सकती, यह भरोसा जगा 2019 में.

साल 2019 में टीवी एंकर, एक्सपर्ट वैसे ही रहे जैसे 2018 में थे. जो एंकर दिसंबर में हिमयुग आने की घोषणा कर रहा था, वह चार महीने बाद यह भविष्यवाणी कर रहा था कि कुछ दिनों बाद तपती धूप में पूरी दुनिया एकदम रेगिस्तान में बदल जायेगी. जब तक आप हिमयुग में रहने का इंतजाम करें, तब तक तो वह भाई रेगिस्तान का तपता युग ले आता है. टीवी एंकरों की ऐसी हरकतें 2019 में भी न बदलीं.

इस साल प्याज, सोने और सेंसेक्स के भाव लगातार ऊपर जाते रहे. ऊपर जाना है, तो बंदे को सेंसेक्स हो जाना चाहिए, 2019 का संदेश साफ था. बतौर इंसान ऊपर जाने का स्कोप खत्म हो लिया है. अब देखिए कि अगले साल क्या होता है. फिलहाल एडवांस में नया साल मुबारक!

Next Article

Exit mobile version