सबके विचारों का करें सम्मान
गांधीजी मानते थे कि हमारे कार्यों का अगर कोई विरोध करता है, तो वह सबसे प्रिय होना चाहिए, क्योंकि उसके विचारों को जानना बहुत जरूरी है और उसे हर स्तर से संतुष्ट करना चाहिए, जाे प्रजातंत्र की सबसे खूबसूरत चीज है. लेकिन, अब देखने में आ रहा है कि देश को एक ही लकड़ी से […]
गांधीजी मानते थे कि हमारे कार्यों का अगर कोई विरोध करता है, तो वह सबसे प्रिय होना चाहिए, क्योंकि उसके विचारों को जानना बहुत जरूरी है और उसे हर स्तर से संतुष्ट करना चाहिए, जाे प्रजातंत्र की सबसे खूबसूरत चीज है.
लेकिन, अब देखने में आ रहा है कि देश को एक ही लकड़ी से हांकने का प्रयास किया जा रहा है. यहां आलोचकों का कोई स्थान नहीं है, यह प्रजातंत्र के लिए शुभ नहीं है. दीपिका का जेएनयू छात्रों से मिलना उनके निजी विचार का मामला है. वह इस देश की नागरिक हैं. उनकी फिल्म का विरोध करना विचारों को तोड़नेवाली बात है. सबके विचारों का सम्मान होना चाहिए.
हेमा हरि उपाध्याय, उज्जैन, मध्य प्रदेश