भारत की अनोखी पहचान

प्राचीन काल से ही अनोखी पहचान के लिए जाना जानेवाला भारत अपनी गंगा-जमुनी तहजीब को आज भागा-दौड़ी के परिवेश में खोता दिखायी दे रहा है. भारत में विविधताओं से परिपूर्ण गंगा-जमुनी तहजीब का इतिहास बड़ा दिलचस्प है. जहां एक ओर प्रख्यात यूरोपीय विद्वान इवी हैवल ने भारत के गांवों को प्रजातंत्र की आधारशिला बताया है, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2020 12:27 AM

प्राचीन काल से ही अनोखी पहचान के लिए जाना जानेवाला भारत अपनी गंगा-जमुनी तहजीब को आज भागा-दौड़ी के परिवेश में खोता दिखायी दे रहा है. भारत में विविधताओं से परिपूर्ण गंगा-जमुनी तहजीब का इतिहास बड़ा दिलचस्प है. जहां एक ओर प्रख्यात यूरोपीय विद्वान इवी हैवल ने भारत के गांवों को प्रजातंत्र की आधारशिला बताया है, वहीं दूसरी ओर प्रसिद्ध पर्यटक ट्रैविनियर ने कहा कि भारत का प्रत्येक गांव अपने आप में एक संसार है.

गांव के लोग अपनी मेहतन और ऊपर वाले पर विश्वास करके अपने कामों में जुटे रहते हैं. उनकी एकता और सहयोग की भावना प्रशंसनीय थी. इन्हीं मौलिक गुणों की समृद्धि के परिणामस्वरूप भारत कभी सोने की चिड़िया कहलाया करता था.
लेकिन आज इस बेहतरीन भारतीय इतिहास को हम केवल किताबों में ही सिमटा देखते हैं. काश कि हम इसे अपने जीवन में उतारने की कोशिश करते, तो फिर से भारत अपने गौरव को प्राप्त हो जाता! हम सबको फिर से उस अनोखी पहचान को पाने की कोशिश करनी चाहिए.
अभिनंदन भाई पटेल, लखनऊ, उत्तर प्रदेश

Next Article

Exit mobile version