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डॉक्टरों को लाभ व हानि से प्रेरित नहीं होना चाहिए
डॉक्टर में लोगों को भगवान का रूप नजर आता है. दरअसल यह पेशा सिर्फ लाभ हानि से प्रेरित नहीं होता, बल्कि इसमें सेवा और समर्पण की भावना निहित होती है. बिना सेवा व समर्पण के न तो कोई डॉक्टर मरीजों के साथ न्याय कर सकता है और न ही ख्याति अर्जित कर सकता है, पर […]
डॉक्टर में लोगों को भगवान का रूप नजर आता है. दरअसल यह पेशा सिर्फ लाभ हानि से प्रेरित नहीं होता, बल्कि इसमें सेवा और समर्पण की भावना निहित होती है. बिना सेवा व समर्पण के न तो कोई डॉक्टर मरीजों के साथ न्याय कर सकता है और न ही ख्याति अर्जित कर सकता है, पर इन दिनों नयी तरह की समस्या देखने को मिल रही है.
बड़े सरकारी चिकित्सा संस्थानों से डिग्री हासिल करने के बाद कुछ दिन सेवा देते हैं, इसके उपरांत निजी अस्पतालों की ओर पलायन कर जाते हैं. इससे सरकारी चिकित्सा संस्थानों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी देखने को मिलती है. ऐसा वे अधिक धन कमाने की लालसा में करते हैं. हालांकि मेधा एवं मेहनत के बूते धन अर्जन करने में कोई बुराई नहीं है. बावजूद उन्हें सोचना चाहिए कि उनकी शिक्षा पर सरकारी संसाधनों का उपयोग हुआ है. इस स्थिति से निबटने के लिए सरकार को विशेष उपाय करने चाहिए.
मुकेश कुमार मनन, इ-मेल से
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