शहादत को सलाम

फरवरी की 14 तारीख को मनाये जानेवाले वेलेंटाइन डे, जो पश्चिमी संस्कृति से आया है, को युवक-युवतियां अपने प्रेम का इजहार करते हैं. पिछले साल इसी दिन देश के प्रति अपनी प्रेम का प्रमाण देते हुए हमारे 40 जवान पुलवामा हमले में शहीद हो गये थे. बहनों ने भाई खोया, माताओं ने पुत्र खोया और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2020 7:42 AM

फरवरी की 14 तारीख को मनाये जानेवाले वेलेंटाइन डे, जो पश्चिमी संस्कृति से आया है, को युवक-युवतियां अपने प्रेम का इजहार करते हैं. पिछले साल इसी दिन देश के प्रति अपनी प्रेम का प्रमाण देते हुए हमारे 40 जवान पुलवामा हमले में शहीद हो गये थे. बहनों ने भाई खोया, माताओं ने पुत्र खोया और पत्नियों ने सिंदूर धोया. कितना दर्दनाक हादसा था! जब उस घटना की याद आती है, तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं. लेकिन, इतिहास गवाह है, हर बार दुश्मनों को हार का तीखा स्वाद चखना पड़ा है.

इतनी बड़ी घटनाओं के बावजूद भी हमारे जवानों के उत्साह में कमी नहीं आयी क्योंकि ये वीरों की भूमि है, वीरविहीन नहीं. ऐसी घटना से शहीदों के परिवार पर पहाड़ टूट पड़ता है और आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. इस संकट को दूर करने के लिए शहीदों के परिवारों को यथासंभव सहायता की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए.

अनंत कुमार आजाद, गोड्डा, झारखंड

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