22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दिल के रिश्तों में जल्दबाजी ठीक नहीं

मुकुल श्रीवास्तव स्वतंत्र टिप्पणीकार sri.mukul@gmail.com दुनिया वाकई बहुत तेजी से बदल रही है और प्यार करने व जताने के तरीके भी. अब देखिये न, हमारे जमाने में गाना बजता था ‘कितना प्यार तुम्हें करते हैं, आज हमें मालूम हुआ, जीते नहीं, तुम पर मरते हैं’, तब प्यार का इजहार करना थोड़ा मुश्किल था और वेलेंटाइन […]

मुकुल श्रीवास्तव
स्वतंत्र टिप्पणीकार
sri.mukul@gmail.com
दुनिया वाकई बहुत तेजी से बदल रही है और प्यार करने व जताने के तरीके भी. अब देखिये न, हमारे जमाने में गाना बजता था ‘कितना प्यार तुम्हें करते हैं, आज हमें मालूम हुआ, जीते नहीं, तुम पर मरते हैं’, तब प्यार का इजहार करना थोड़ा मुश्किल था और वेलेंटाइन डे को लेकर एक हिचक हुआ करती थी.
हमारे कैंपस भी तब ऐसे ही हुआ करते थे, थोड़े से सहमे से. प्यार के किस्से तब भी थे, पर इश्क तब सिर्फ इश्क था न कि ‘इश्कवाला लव.’ इसे आप वैश्वीकरण की बयार का असर कहें या इंटरनेट क्रांति का जोर, जिसने आज की पीढ़ी को ज्यादा मुखर बना दिया है.
फेसबुक, ट्विटर से लेकर व्हाट्सएप जैसे चैटिंग एप आपको मौका दे रहे हैं कि कुछ भी मन में न रखो, जो है, बोल दो. वो वक्त चला गया, जब फिल्म की नायिका यह गाना गाते हुए जीवन बिता देती थी ‘मेरी बात रही मेरे मन में, कुछ कह न सकी उलझन में.’ अब प्यार के इजहार में कोई लैंगिक विभेद नहीं है. ‘रोज डे’ से प्यार का आगाज होता है और होलिका दहन से प्रेम का अंत.
लड़के-लड़कियां कोई ‘रिग्रेट’ लेकर नहीं जीना चाहते हैं, ‘क्रश’ होना सामान्य है और इसके इजहार में अब कोई समस्या नहीं दिखती. भले ही ‘लव इज वेस्ट ऑफ टाइम’ हो, पर चलो कर के देख ही लिया जाये, ये आज की पीढ़ी का मंत्र है.
पर जो बात मुझे परेशान करती है, वो है रिश्तों का तेजी से बनना और टूटना, दिखावे पर जोर ज्यादा है. दिल के रिश्तों में जल्दबाजी अच्छी नहीं है.
‘वक्त ने किया क्या हंसी सितम’ का दौर कब का जा चुका है, अब तो ब्रेकअप की पार्टी दी जा रही है. तू अभी तक सिंगल है, तेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं या तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, ऐसे प्रश्न बताते हैं कि माना यह जाने लगा है कि अगर आप किसी ऐसे रिश्ते में नहीं हैं, तो कुछ खोट है आप में. अब कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है.
फेसबुक या व्हॉट्सएप स्टेटस की तरह रिलेशनशिप स्टेटस बदले जा रहे हैं. रिश्ते वक्त मांगते हैं, उनको फलने- फूलने में समय लगता है, पर इतना टाइम किसके पास है! असुरक्षा की भावना इतनी ज्यादा है कि फेसबुक की टाइम लाइन से लेकर वहाट्सएप पर ऑनलाइन रहने के सिलसिले तक सभी जगह निगाह रखी जा रही है. ये ‘टू बी ऑर नॉट टू बी’ जैसा दौर है. नयी पीढ़ी ज्ञान नहीं चाहती और अनुभव के स्तर पर चीजें महसूस करना चाहती है.
इसमें आपत्ति की बात नहीं, रिश्ते बनाने और संभालने की जिम्मेदारी के अहसास का गायब हो जाना थोड़ा परेशान करता है. वैसे भी जब प्यार है फिजाओं में तो जमाने को यह तो कह ही सकते हैं- ‘होशवालों को खबर क्या जिंदगी क्या चीज है, इश्क कीजे फिर समझिए जिंदगी क्या चीज है.’ मेरे लिए तो जिंदगी एक प्यार का नगमा है, जिससे हमारी आपकी सबकी कहानी जुड़ी हुई है. प्यार किया नहीं जाता हो जाता है, हो सकता है, आप मानें या न मानें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें