अगर यह गीत है तो भगवान बचाये!
।। रूपम कुमारी ।। प्रभात खबर, रांची इन दिनों अलग-अलग वेबसाइटों पर यह चर्चा जोरों पर है कि रोहित शेट्टी की फिल्म ‘सिंघम रिटर्न्स’ के गाने ‘आता माझी सटकली’ को यू-टय़ूब पर 22 लाख हिट मिले हैं. संभव है इस लेख के छपते-छपते पांच-दस लाख हिट और मिल जायें. लेकिन, हकीकत यह है कि हनी […]
।। रूपम कुमारी ।।
प्रभात खबर, रांची
इन दिनों अलग-अलग वेबसाइटों पर यह चर्चा जोरों पर है कि रोहित शेट्टी की फिल्म ‘सिंघम रिटर्न्स’ के गाने ‘आता माझी सटकली’ को यू-टय़ूब पर 22 लाख हिट मिले हैं. संभव है इस लेख के छपते-छपते पांच-दस लाख हिट और मिल जायें.
लेकिन, हकीकत यह है कि हनी सिंह के गाये इस गाने में ‘आता माझी सटकली’ के अलावा एक भी लाइन समझ में नहीं आती. गाने के नाम पर बस शोर-शराबा सुनायी देता है. वैसे भी हनी सिंह के गाने सुनने के लिए नहीं, देखने और नाचने के लिए होते हैं. आजकल चार्टबस्टर्स में छाये इस गाने में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसे देख-सुन या जान कर इसे गाना कह सकें. इसके वीडियो में स्टेज पर एक सौ बच्चे पुलिस की यूनिफॉर्म में उछल-कूद कर रहे हैं और उनके साथ अपनी ट्रेडमार्क काले रंग की साड़ी में करीना कपूर भी डांस करने की कोशिश करती दिख रही हैं.
साथ ही फिल्म के नायक अजय देवगन और इस गाने को गानेवाले हनी सिंह भी कुछ करते दिखते हैं. गाने का शीर्षक ‘सिंघम रिटर्न्स’ की पूर्व-फिल्म ‘सिंघम’ के सुपरहिट डायलॉग ‘आता माझी सटकली’ पर आधारित है.
‘सिंघम’ में अजय देवगन अपने गुस्से को प्रकट करते हुए, अपने सिर पर उंगलियों की चोट करते हुए यह संवाद पेश करते नजर आये थे, लेकिन किसे पता था कि एक छोटा सा डायलॉग इतना विस्तृत रूप भी ले सकता है, हैट्स ऑफ टू यो यो! अपने ज्ञानवर्धन के लिए जब मैं गूगल बाबा की शरण में गयी, तो पता चला कि ‘आता माझी सटकली’ का मतलब है, मेरा दिमाग खराब हो गया है.
अब सवाल है कि जब 103 लोगों (एक सौ बच्चे+अजय+ करीना+हनी सिंह) का भेजा एक साथ सटकेगा, तो जरा सोचिए कि थिएटर में फिल्म देख रहे बेचारे दर्शकों पर क्या बीतेगी! उनके मुंह से तो यही निकलेगा, बाप रे बाप! टीवी पर तो फिर भी हम इस शोर-शराबे से बच सकते हैं, क्योंकि रिमोट कंट्रोल हमारे हाथ में होता है.
लेकिन, असल मुद्दा यह है कि जिस तरह इस शोर-गुल को यूटय़ूब पर हर दिन लाखों हिट मिल रहे हैं, अगर आज की ही तरह दिलीप कुमार, देव आनंद, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन के जमाने में मोहम्मद रफी, किशोर कुमार जैसे गायकों की आवाज में उनकी नयी फिल्मों के गाने इंटरनेट पर पोस्ट और शेयर किये जाते, तो जरा सोचिए कि उन्हें कितने हिट और लाइक मिलते! यह अलग बात है कि समय-समय पर इनके गाये गानों को किसी फिल्म या एल्बम के जरिये प्रोडय़ूस और रीप्रोडय़ूस किया जाता है.
अपने प्रदर्शन के 30, 40, 50 सालों के बाद, आज भी उन गानों को लोग हाथों-हाथ लेते हैं और उनके बोल से खुद को जोड़ते हैं. उस जमाने के गानों की धुन, लय और ताल मन को सुकून देते हैं, जो मन के भीतर कहीं घर कर जाते हैं. न कि आज के गानों की तरह इनसान का दिमाग सटकाते हैं.