शिक्षा को जितना पिछले 50 सालों में बर्बाद किया गया है, उसी का नतीजा है कि आज चारों तरफ शिक्षा के क्षेत्र में हाहाकार मचा है. इसके लिए यशपाल और उनके साथियों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है जिन्होंने शिक्षा को व्यवसाय बनवा दिया और शिक्षा पूरी तरह से शिक्षा माफिया के हाथ में चली गयी है.
इसके लिए शिक्षा के क्षेत्र में लगे सरकारी और गैर-सरकारी संगठन भी कम दोषी नहीं हैं और इन सबके लिए घूम-फिरकर राजनीतिज्ञ ही दोषी हैं. शिक्षा के क्षेत्र में राजनीतिज्ञों के प्रवेश ने शिक्षा माफियाओं को जन्म दिया, इसलिए आज लाखों स्कूल-कॉलेज, राजनीतिज्ञों के नाम पर चल रहे हैं और फलस्वरूप शिक्षा का स्तर इतना गिर गया है कि कभी सी-सैट तो कभी चार साल के स्नातक पाठय़क्रम के नाम पर आंदोलन होता है और इन पर राजनीति भी होती है. ऐसे में शिक्षा का क्या होगा?
भुवन मोहन, रांची