अच्छे दिनों का है इंतजार
अब तो अच्छे दिनों के आने के राग भी पुराने पड़ चुके हैं. पर पता नहीं कि कब अच्छे दिन आयेंगे! मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होनेवाले हैं, लेकिन इन सौ दिनों में मु नहीं लगता कि कोई काम जनता के हित में किया गया हो. प्रधानमंत्री जन-धन योजना ला चुके हैं. उससे पहले […]
अब तो अच्छे दिनों के आने के राग भी पुराने पड़ चुके हैं. पर पता नहीं कि कब अच्छे दिन आयेंगे! मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होनेवाले हैं, लेकिन इन सौ दिनों में मु नहीं लगता कि कोई काम जनता के हित में किया गया हो. प्रधानमंत्री जन-धन योजना ला चुके हैं. उससे पहले योजना आयोग भी खत्म हो गया. संसद में गतिरोध भी खत्म हो गया.
अटके विधेयक भी संसद से पास होने लगे, लेकिन आम लोगों के लिए अच्छे दिन का इंतजार अब तक जस का तस है. मेरा आम लोगों के अच्छे दिन से मतलब है- महंगाई का कम होना और भ्रष्टाचार का खात्मा. अब तो यही कहा जा सकता है कि अच्छे दिनों की गाड़ी विलंब से आयेगी. हमारे लिए यह इंतजार इसलिए भी मुश्किल हो गया है, क्योंकि ये अच्छे दिन कहां से आयेंगे, किसके लिए आयेंगे और कितने विलंब से आयेंगे, यह अब तक किसी को नहीं पता.
तनीषा सिंह, ई-मेल से