समस्याओं का कब होगा निदान?

आज देश के सामने कई गंभीर मसले हैं, जिन पर चिंतन की जरूरत है. पहला मसला है, महंगाई. दिन-रात पसीना बहाने के बावजूद लोगों के पास महीने के आखिर में कुछ नहीं बचता. दूसरा मसला है, भ्रष्टाचार. हमारी व्यवस्था में भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे तक व्याप्त है. लोग कहते हैं कि बिना घूस के कोई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2014 12:11 PM

आज देश के सामने कई गंभीर मसले हैं, जिन पर चिंतन की जरूरत है. पहला मसला है, महंगाई. दिन-रात पसीना बहाने के बावजूद लोगों के पास महीने के आखिर में कुछ नहीं बचता. दूसरा मसला है, भ्रष्टाचार. हमारी व्यवस्था में भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे तक व्याप्त है. लोग कहते हैं कि बिना घूस के कोई काम नहीं होता. तीसरा मुद्दा है, गरीबों के लिए राशन व्यवस्था.

यह समझ में नहीं आ रहा है कि इसे कैसे सुधारा जाये. जो भी सरकार आती है, वह इसमें कुछ नया जोड़-घटाव करती है, फिर भी हालत जस की तस है. गरीब लोगों तक सरकारी सब्सिडी नहीं पहुंचा पा रही है. चौथा मसला है, बेरोजगारी. युवाओं को रोजगार कैसे मिले और वह भी बेहतर रोजगार, यह सवाल आजादी के इतने वर्षो बाद भी बना हुआ है. युवा अच्छी-अच्छी डिग्रियां लेकर घर पर बैठे हुए हैं. नयी सरकार को इन मसलों पर ध्यान देना होगा, ताकि हालात सुधर सकें.

प्रकाश, डोरंडा

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