हताश अल-कायदा की भारत को धमकी

अल-कायदा के प्रमुख और वैश्विक स्तर पर वांछित आतंकवादी एमन अल-जवाहिरी ने मंगलवार को जारी एक वीडियो संदेश में भारत के विरुद्ध संगठित आतंकी जेहाद की घोषणा की है. हालांकि भारत सरकार इस वीडियो की सत्यता की जांच कर रही है, पर खबरों के मुताबिक गृह मंत्री के नेतृत्व में हुई उच्च-स्तरीय बैठक में इसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2014 12:59 AM

अल-कायदा के प्रमुख और वैश्विक स्तर पर वांछित आतंकवादी एमन अल-जवाहिरी ने मंगलवार को जारी एक वीडियो संदेश में भारत के विरुद्ध संगठित आतंकी जेहाद की घोषणा की है.

हालांकि भारत सरकार इस वीडियो की सत्यता की जांच कर रही है, पर खबरों के मुताबिक गृह मंत्री के नेतृत्व में हुई उच्च-स्तरीय बैठक में इसे गंभीरता से लेते हुए देशभर में सुरक्षा-तंत्र को चौकस कर दिया गया है. इस वीडियो की सत्यता चाहे जो भी हो, भारत के विरुद्ध अल-कायदा के सुनियोजित हमले की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है.

अल-जवाहिरी का कोई नया वीडियो एक साल बाद जारी हुआ है और इस दौरान इसलामिक स्टेट के जेहादी आतंकवाद ने पश्चिमी एशिया में इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है तथा अब वह लीबिया एवं लेबनान में भी अपने पैर पसारने की कोशिश में है. हालांकि इसलामिक स्टेट ने जेहादी इसलाम के अगुवा के रूप में अल-कायदा के प्रभुत्व को खारिज कर दिया है.

इस नये संगठन द्वारा खिलाफत की घोषणा और उसकी सैन्य सफलताओं ने चरमपंथी लड़ाकों और ऐसी हरकतों को धन तथा तकनीकी सहयोग देनेवाले तत्वों की नजर में अल-कायदा के आकर्षण को काफी हद तक कम कर दिया है. नाइजीरिया में बोको हरम और पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान भी अल-जवाहिरी के नेतृत्व से स्वायत्त होकर अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं.

ऐसे में अल-कायदा को अपनी साख बनाये रखने के लिए नये मोरचों की जरूरत है, क्योंकि अफ्रीका और अफगानिस्तान के अलावा एशिया में उसके लिए जगह नहीं बची है. हाल में पाकिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व और सेना के एक हिस्से के साहसी पहल के कारण वहां अल-कायदा से जुड़े आतंकियों का बड़ी संख्या में सफाया हुआ है. ऐसे में स्वाभाविक है कि पाक सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का भारत-विरोधी तबका अल-कायदा की मौजूदा स्थिति और उसके इरादों का लाभ उठाने की कोशिश करे. उसके साथ गठजोड़ से वे अफगानिस्तान में भी भारतीय हितों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. अल-जवाहिरी के इरादों को नाकाम करने की चुनौती सिर्फ भारत की ही नहीं है, बल्कि विश्व-समुदाय को भी इसे गंभीरता से लेना होगा.

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