जम्मू-कश्मीर के निवासियों की मुश्किलें बाढ़ का पानी उतर जाने के बाद खत्म नहीं होंगी, बल्किएक हद तक यह बढ़ती जायेंगी. पानी के निकल जाने के बाद सबसे पहले तो वहां आम जनजीवन के लिए नागरिक व्यवस्था बहाल करनी होगी. यह काम प्रशासनिक ज्यादा है, लेकिन दिक्कत आम लोगों की जिंदगी से जुड़ी है इसलिए अगर इसमें देरी हुई, तो खाने-पीने से लेकर आने-जाने तक की समस्याएं बड़ी हो जायेंगी.
अभी तो लोगों को बचाने का मुद्दा सबसे बड़ा है, लेकिन इसके बाद लोगों को जिंदा रखने, उन्हें राहत पहुंचाने और रोजगार देने का मुद्दा बड़ा हो जायेगा. इसलिए जहां एक तरफ इस बाढ़ से सबक लेने की जरूरत है, वहीं दूसरी तरफ इस बाढ़ के बाद की स्थिति से निबटने की तैयारी भी करनी चाहिये. अफसोस की बात यह है कि उत्तराखंड में भारी तबाही से भी लोगों ने सबक नहीं लिया.
।। राकेश सिन्हा, रांची ।।