अमूमन माना जाता है कि कोई भी देश आर्थिक रूप से तभी बड़ा हो सकता है, जब सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि का हिस्सा घटे और उद्योग-धंधों की हिस्सेदारी बढ़े. अमेरिका की जीडीपी में कृषि क्षेत्र की भागीदारी सिर्फ चार प्रतिशत है. भारत में यह आंकड़ा दहाई में है.
अनुमान है कि 2020 के अंत तक यह घट कर इकाई में आ जायेगा, लेकिन ऐसी स्थिति में हमारी खेती-किसानी को बहुत नुकसान होगा. छोटी खेती सबसे अधिक प्रभावित होगी. पिछले सात-आठ वर्षों पर नजर डालें, तो करोड़ों लोगों ने खेती छोड़ दी. ये लोग अब छोटे शहरों में आकर काम-धंधा कर रहे हैं. बढ़ते कर्ज के कारण लगभग ढाई हजार लोग प्रतिदिन खेती छोड़ रहे हैं. मुश्किल यह है कि किसान खेती तो छोड़ रहे हैं, पर उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर नहीं मिल रहे हैं, फिर कैसे जीडीपी में बेहतरी आयेगी.
।। सरिता देसाई, पटना ।।