खबरदार! प्रकृति का पलटवार

उत्तराखंड के बाद देश का स्वर्ग कहलाने वाले राज्य जम्मू-कश्मीर में जिस तरह प्रकृति का प्रलय आया वह काफी भयावह है. चेनाब एवं झेलम नदी की धारा मानो पूरे राज्य को निगलने को आतुर लग रही थी. पूरा राज्य त्राहिमाम कर रहा है. राज्यवासी, पर्यटक काफी मात्रा में फंसे हुए हैं एवं मदद की गुहार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2014 5:21 AM

उत्तराखंड के बाद देश का स्वर्ग कहलाने वाले राज्य जम्मू-कश्मीर में जिस तरह प्रकृति का प्रलय आया वह काफी भयावह है. चेनाब एवं झेलम नदी की धारा मानो पूरे राज्य को निगलने को आतुर लग रही थी. पूरा राज्य त्राहिमाम कर रहा है.

राज्यवासी, पर्यटक काफी मात्रा में फंसे हुए हैं एवं मदद की गुहार लगा रहे हैं. उपलब्ध संसाधनों से जितनी मदद हो सकती है वो सेना एवं आपदा प्रबंधन की ओर से की जा रही है. प्रकृति के ऐसे तांडव के जिम्मेवार कोई और नहीं हम स्वयं हैं. प्रकृतिप्रदत्त चीजों के अतिदोहन का ये परिणाम है.

नदियों को नाले में बदलकर उस पर मकान बनाये जा रहे हैं. पहाड़ों को काटकर सड़क मार्ग और रेल मार्ग का निर्माण हो रहा है. यह प्रकृति के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ है, जो सरासर गलत है. जनसंख्या का भार प्रकृति के आभार को नकार रहा है. यह उसी का नतीजा है.

मनीष वर्मा, धनबाद

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