अवार्ड के लिए श्रेष्ठ नाम ही आगे आयें

बीते दिनों राष्ट्रपति ने देश के विभिन्न खेल हस्तियों को अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कारों से सम्मानित किया. इन पुरस्कारों के लिए प्राप्त सूचियां काफी चर्चा और विवादों में रहीं, मगर निर्णय उन्हीं में से किया गया, जो सुझाये गये थे. पुरस्कारों की घोषणा के बाद कई खिलाडि़यों की योग्यता को नजरअंदाज किया जाना चुभ-सा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2014 5:23 AM

बीते दिनों राष्ट्रपति ने देश के विभिन्न खेल हस्तियों को अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कारों से सम्मानित किया. इन पुरस्कारों के लिए प्राप्त सूचियां काफी चर्चा और विवादों में रहीं, मगर निर्णय उन्हीं में से किया गया, जो सुझाये गये थे.

पुरस्कारों की घोषणा के बाद कई खिलाडि़यों की योग्यता को नजरअंदाज किया जाना चुभ-सा गया. इस संदर्भ में हॉकी टीम के पूर्व कप्तान परगट सिंह के विचार दिमाग में कौंधते हैं. उनके मुताबिक, हर खेल संघ को श्रेष्ठ नाम ही अवार्ड के लिए आगे करने चाहिए. खेल मंत्रालय इसके लिए विशेषज्ञों का एक दल गठित करे, जो साल भर के प्रदर्शनों के आधार पर खेल पुरस्कारों के लिए नाम तय करे. ऐसे इन पुरस्कारों की गरिमा बची रहेगी. जिस तरह देश में शौर्य व वीरता के लिए विभिन्न पदक दिये जाते हैं, उसी तरह खेल पुरस्कार मिलने चाहिए.

इरा त्रिगुणैत, गिरिडीह

Next Article

Exit mobile version