प्रभावशाली के आगे पुलिस बेदम क्यों?

मंगलवार को हजारीबाग पुलिस वारंट लेकर पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव को गिरफ्तार करने के लिए छापामारी करती रही और वे रांची से विमान से दिल्ली चले गये. कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है, यह बात हर जिले की पुलिस जानती है. रांची की पुलिस भी जानती है. उसके बावजूद पूर्व मंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2014 12:32 AM

मंगलवार को हजारीबाग पुलिस वारंट लेकर पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव को गिरफ्तार करने के लिए छापामारी करती रही और वे रांची से विमान से दिल्ली चले गये. कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है, यह बात हर जिले की पुलिस जानती है. रांची की पुलिस भी जानती है.

उसके बावजूद पूर्व मंत्री आते हैं, विमान पकड़ते हैं और दिल्ली चले जाते हैं. दिल्ली में भी वे ठहरते हैं तो झारखंड भवन में. बाद में उन्हें वहां से हटाया जाता है. यह हाल है. या तो रांची की पुलिस को पता नहीं था कि पूर्व मंत्री रांची आये हैं या फिर पकड़ने का साहस नहीं दिखाया. पूर्व मंत्री पर उग्रवादी संगठन खड़ा करने का आरोप है और इसी कारण उन्हें मंत्री पद गंवाना पड़ा. हजारीबाग पुलिस उन्हें कई जगहों पर तलाश रही थी. अब सवाल पुलिस पर उठने लगा है कि आखिर किसके इशारे पर पूर्व मंत्री को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है.

जब अदालत ने उनके खिलाफ वारंट जारी कर दिया, तो फिर देरी किस बात की. पुलिस को उसी समय सक्रिय होना चाहिए था. अगर पुलिस हिम्मत कर उसी समय पूर्व मंत्री को पकड़ लेती तो पुलिस के प्रति विश्वास गहरा होता, छवि बेहतर बनती. हो सकता है कि पुलिस पर राजनीतिक दबाव हो लेकिन कानूून को अपना काम करना चाहिए. जो नियम एक साधारण आदमी के लिए है, वही नियम वीआइपी के लिए भी होना चाहिए. अगर यही वारंट किसी गरीब के खिलाफ होता तो पुलिस कब का उसे पकड़ कर अंदर कर देती.

यहां तो पूर्व मंत्री पर उग्रवादी संगठन खड़ा करने का आरोप है. यह कैसे संभव है कि योगेंद्र साव विमान से रांची से दिल्ली चले जायें और किसी को पता नहीं चले. कहां है खुफिया विभाग. क्या उसे भी जानकारी नहीं थी. अब यही पुलिस अपनी टीम दिल्ली भेजेगी. जब रांची एयरपोर्ट पर नहीं पकड़ सके तो दिल्ली में कहां-कहां खोजेंगे. सच यह है कि पुलिस के काम में राजनीतिक दखलंदाजी ज्यादा है. अगर पुलिस को खुला छोड़ दिया जाये तो उसमें अपराधी या आरोपी को पाताल से भी खोज लाने की क्षमता है. इस क्षमता का उपयोग होना चाहिए. अतीत में भी पुलिस ने कई ऐसे लोगों को पकड़ा है, जिससे पुलिस का काफी नाम हुआ था. अब फिर समय आ गया है कि पुलिस दबाव मुक्त होकर काम करे और वारंटियों को पकड़े.

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