दो अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने शपथ दिलायी कि न मैं गंदगी करूंगा और न ही किसी को करने दूंगा. उन्होंने खुद झाड़ू लेकर सफाई की. कई नेताओं ने भी यह किया, लेकिन मेरा प्रश्न है कि क्या इस तरह की सफाई से देश पूरी तरह से स्वच्छ हो पायेगा? शायद नहीं, क्योंकि मोहल्ले की गंदगी को साफ करने के साथ हमें अपने अंदर की गंदगी को साफ करना होगा, तभी पूरी तरह से देश स्वच्छ व स्वस्थ बनेगा.
भ्रष्टाचार, धर्म-जाति मतभेद, लोभ, बुजुर्गों व औरतों का अपमान, दूसरों की तरक्की से असहज होना, आदि ये सारी गंदगी हमारे भीतर भरी हुई है. जब तक हम इसे पूरी तरह से अपने मन से नहीं निकाल लेते, हमारा देश कभी भी तरक्की नहीं कर सकता. हम सबको संकल्प लेना चाहिए कि समाज की सफाई के साथ अपने मन की सफाई का भी ध्यान रखेंगे. साथ ही अपने देश को समृद्ध बनायेंगे.
आशीष कुमार, दिल्ली