निजी स्कूल ही क्यों?
अधिकतर लोग अपने बच्चों को निजी स्कूलों में क्यों पढ़ाना चाहते हैं? सरकार ने शिक्षा नीति पर हमेशा जोर दिया है. समय-समय पर पाठ्यक्रम और पद्धति में बदलाव किये गये. पढ़ाई का स्तर भी सुधरा है और कई जगहों पर सरकारी स्कूलों के निर्माण भी हुए. बच्चे ज्यादा से ज्यादा पढ़ें, इसके लिए वजीफा के […]
अधिकतर लोग अपने बच्चों को निजी स्कूलों में क्यों पढ़ाना चाहते हैं? सरकार ने शिक्षा नीति पर हमेशा जोर दिया है. समय-समय पर पाठ्यक्रम और पद्धति में बदलाव किये गये. पढ़ाई का स्तर भी सुधरा है और कई जगहों पर सरकारी स्कूलों के निर्माण भी हुए.
बच्चे ज्यादा से ज्यादा पढ़ें, इसके लिए वजीफा के अलावा, स्कूल ड्रेस और जूते तक सरकार की तरफ से बांटे जाते हैं. फिर भी लोग अपने बच्चों को निजी स्कूल में ही पढ़ाना चाहते हैं. यह समझ का फेर है. निजी स्कूल बच्चों को कोई आर्थिक मदद या सुविधा नहीं देते. वे बिना वजह अभिभावकों से मोटी रकम ऐंठते हैं. रजिस्टर्ड सोसायटी की आड़ में ये स्कूल दुकानें चला रहे हैं और पढ़ाई के नाम पर खूब संपत्ति भी बटोर रहे हैं. निजी स्कूल महंगे होने के बावजूद जनता को सस्ते लगते हैं. इनमें दाखिला पाने के लिए होड़-सी लगी रहती है.
श्रीचरण, ई-मेल से