राम और रावण हम सबके भीतर
दशहरे के दिन पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के हादसे में 33 लोग मारे गये और कई घायल हुए. हादसे के बाद चार लोगों के तबादले कर दिये गये. हालांकि इसके पहले भी ऐसे हादसे होते रहे हैं, जिसका कारण स्पष्ट है कि जहां भीड़ होगी वहां भगदड़ की आशंका रहती ही है […]
दशहरे के दिन पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के हादसे में 33 लोग मारे गये और कई घायल हुए. हादसे के बाद चार लोगों के तबादले कर दिये गये. हालांकि इसके पहले भी ऐसे हादसे होते रहे हैं, जिसका कारण स्पष्ट है कि जहां भीड़ होगी वहां भगदड़ की आशंका रहती ही है और जहां भगदड़ होगी वहां मौत होनी तय है. ऐसे में सबसे बड़ी भूल और सबसे बड़ा दोष है अज्ञानता का, किसी एक का नहीं या किसी व्यवस्था का नहीं. गौरतलब है कि दशहरे को राम के द्वारा रावण का दहन किया जाता है.
राम और रावण के यथार्थ को यदि ठंडे दिमाग से विचार किया जाये, तो इसके लिए कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं. राम और रावण हम सबके अंदर होते हैं. जीवन में कई अवसर आते हैं, जब दोनों का द्वंद्व होता है. अंत में हम किसकी सुनते हैं, इसी से हमारा व्यक्तित्व तय होता है.
महावीर साहू, हटिया, रांची