राष्ट्र के विकास में शिक्षा की भूमिका अहम है. इसे प्राथमिक व माध्यमिक स्तर से बेहतर बनाया जा सकता है. इसमें भारतीय शिक्षा सेवा संवर्ग का न होना विडंबना ही है. इस तरह के कैडर बनाने का प्रस्ताव 1986 की शिक्षा नीति में था.
भारतीय प्रशासनिक सेवा की तर्ज पर इसमें एक अखिल भारतीय शिक्षा संवर्ग का प्रावधान किया जाना चाहिए. इसमें बीए, एमए के साथ बीएड, एमएड, पीएचडी या अन्य डिग्री को शामिल किया जा सकता है और इन्हें पास करनेवालों को भारतीय शिक्षा सेवा संवर्ग के पद दिये जा सकते हैं.
अनिवार्य शिक्षा अधिनियम-2009 को और भी अच्छे तरीके से संचालित किया जा सकता है. आइइएस की नियुक्तियां शिक्षा विभाग में जिला स्तर, प्रमंडल स्तर, निदेशालय स्तर के साथ शिक्षा सचिव तक करके प्राथमिक शिक्षा की समस्या को दूर कर सकते हैं.
संजय चंद, न्यू एरिया, हजारीबाग