आवश्यक है सीएनटी एक्ट में संशोधन
सीएनटी एक्ट में संशोधन होना चाहिए. एक सच्ची कहानी बता रहा हूं. एक आदिवासी के पास 30 डिसमिल जमीन थी. उसके दादा ने किसी आदिवासी जमींदार से खरीदी थी. उसके सामने अपनी और दो बहनों की पढ़ाई और फिर उनकी शादी का खर्च था. उसके पास पैसा नहीं था और न ही कहीं से आनेवाला […]
सीएनटी एक्ट में संशोधन होना चाहिए. एक सच्ची कहानी बता रहा हूं. एक आदिवासी के पास 30 डिसमिल जमीन थी. उसके दादा ने किसी आदिवासी जमींदार से खरीदी थी. उसके सामने अपनी और दो बहनों की पढ़ाई और फिर उनकी शादी का खर्च था.
उसके पास पैसा नहीं था और न ही कहीं से आनेवाला था. ऐसी स्थिति में उसने जमीन बेचने का फैसला किया, लेकिन जमीन लेनेवाला कोई नहीं था. उसके पास एक आदिवासी नेता आया और 50 हजार रुपये डिसमिल खरीदने पर तैयार हो गया, जबकि वहां गैर-आदिवासी जमीन तीन लाख रुपये डिसमिल बेची जा रही थी.
उसे पूरी 30 डिसमिल जमीन बेचनी पड़ी. अगर सीएनटी संशोधित रहता, तो उसे मात्र पांच डिसमिल जमीन ही बेचनी पड़ती. शेष जमीन उसी के पास रहती. अब सोचिए कि सीएनटी एक्ट में संशोधन कितना जरूरी है!
रामबली साव, जेल रोड, रांची