देश की महिलाएं जिम्मेदारी को समझें

वर्तमान सामाजिक परिवेश में महिलाओं को आये दिन जुल्म का शिकार होना पड़ रहा है. ऐसा नहीं है कि इस संबंध में कानून की कमी है, मगर भ्रष्ट पुलिस तंत्र और लचर न्याय व्यवस्था के कारण अत्याचारियों में वह खौफ पैदा नहीं हो पा रहा है, जो होना चाहिए. अब जबकि देश में नयी सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2014 4:37 AM
वर्तमान सामाजिक परिवेश में महिलाओं को आये दिन जुल्म का शिकार होना पड़ रहा है. ऐसा नहीं है कि इस संबंध में कानून की कमी है, मगर भ्रष्ट पुलिस तंत्र और लचर न्याय व्यवस्था के कारण अत्याचारियों में वह खौफ पैदा नहीं हो पा रहा है, जो होना चाहिए.
अब जबकि देश में नयी सरकार बन गयी है, फिर भी महिलाओं को लेकर किसी संजीदगी नहीं दिख रही है. महिलाओं को सबसे ज्यादा नुकसान लैंगिक भेदभाव, भ्रष्टाचार, असंवेदनशील प्रशासनिक व्यवस्था आदि से है. ज्यादातर नेता सत्ता की होड़ में आगे भागने के चक्कर में रहते हैं, मगर उनके लिए महिलाओं से संबंधित मसले गौण हैं. अब तो ऐसा लगने लगा है कि हम महिलाओं को जाति, धर्म एवं तत्काल लाभ के चक्कर में न पड़ कर एक बेहतर और गौरवपूर्ण भविष्य के निर्माण के लिए आगे आना होगा.
डॉ सुचित कुमारी, खुरखुरा, गया

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