आज भी नहीं बदली झारखंड की तसवीर

बिहार से झारखंड को अलग हुए आज 14 साल हो गये हैं. यह अपनी बाल्यावस्था को पार कर किशोरावस्था में पहुंच गया है. इस अवस्था में एक बालक प्रगति कर जाता है, लेकिन झारखंड की स्थिति यथावत बनी है. यहां के लोगों को आज भी बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, चिकित्सा जैसी बुनियादी समस्याओं से जूझना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2014 2:22 AM

बिहार से झारखंड को अलग हुए आज 14 साल हो गये हैं. यह अपनी बाल्यावस्था को पार कर किशोरावस्था में पहुंच गया है. इस अवस्था में एक बालक प्रगति कर जाता है, लेकिन झारखंड की स्थिति यथावत बनी है.

यहां के लोगों को आज भी बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, चिकित्सा जैसी बुनियादी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. करीब तीन दशक बाद पंचायतों का चुनाव कराया गया, लेकिन आज तक पंचायतों के प्रतिनिधियों को उनका अधिकार नहीं मिला है.

कहने के लिए तो राज्य में पंचायती राज व्यवस्था का ढिंढोरा पीटा जाता है, लेकिन ग्रामीण विकास के लिए अब भी लोगों को सरकार की ओर ताकना पड़ता है. इतना ही नहीं, कई जिले तो ऐसे हैं, जिनके साथ सरकार सौतेला व्यवहार करती दिखायी देती है. झारखंड के नाम पर जिलों को समेट दिया गया है.

राजीव रंजन झा, भरनो, गुमला

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