नेताओं के वायदा भंवर में फंसी जनता
झारखंड विधानसभा चुनाव की तिथियां घोषित होने से ठीक पहले राज्य सरकार ने एक बार फिर सूबे की जनता को ठगने के लिए वादों की झड़ी लगानी शुरू कर दी थी. सूबे की हेमंत सरकार रोजगार सृजन करने की नयी-नयी घोषणाएं कीं. बालिकाओं को मुफ्त शिक्षा देने, गरीबी उन्मूलन के लिए अनेक कार्यक्रम चलाने, महिलाओं […]
झारखंड विधानसभा चुनाव की तिथियां घोषित होने से ठीक पहले राज्य सरकार ने एक बार फिर सूबे की जनता को ठगने के लिए वादों की झड़ी लगानी शुरू कर दी थी. सूबे की हेमंत सरकार रोजगार सृजन करने की नयी-नयी घोषणाएं कीं.
बालिकाओं को मुफ्त शिक्षा देने, गरीबी उन्मूलन के लिए अनेक कार्यक्रम चलाने, महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण देने और आदिवासियों को लुभाने के लिए अनेक लोकलुभावनी योजनाओं की घोषणा की गयी. देश और राज्य में जब कभी भी चुनाव का समय आता है, तो सरकारें लोकलुभावने वादों से जनता को ठगने के लिए अनेकानेक घोषणाएं करती हैं और नये सिरे से वोटबैंक तैयार करना चाहती हैं.
राज्य की हेमंत सरकार को मोदी लहर का भय सता रहा होगा. इसलिए उसने बौखलाहट में इन वादों की घोषणा की.
रवि रंजन, रांची