शिक्षित बेरोजगारों की हो रही है उपेक्षा

झारखंड राज्य के गठन को करीब 14 साल से अधिक का समय हो गया है. फिर भी यहां के शिक्षित बेरोजगारों की स्थिति काफी दयनीय है. खास कर सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार सृजन के मामले में यह राज्य काफी दीन-हीन दिखायी दे रहा है. सरकार की ओर से कभी-कभार सरकारी विभागों में रिक्त पदों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 10, 2014 1:15 AM

झारखंड राज्य के गठन को करीब 14 साल से अधिक का समय हो गया है. फिर भी यहां के शिक्षित बेरोजगारों की स्थिति काफी दयनीय है. खास कर सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार सृजन के मामले में यह राज्य काफी दीन-हीन दिखायी दे रहा है. सरकार की ओर से कभी-कभार सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने के लिए नयी नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू की तो जाती है, लेकिन वह स्थानीय नेताओं की हठधर्मिता के कारण स्थानीय नीति की भेंट चढ़ जाती है.

राज्य में हजारों ऐसे शिक्षित बेरोजगार घर बैठे हैं, जिनकी उम्र सीमा नौकरी पाने की आस में समाप्त हो चुकी है. मेरा मानना है कि सरकार नियुक्ति नियमावली में संशोधन करते हुए जन्मतिथि के आधार पर तिथि को वर्ष 2005 से गणना करने की व्यवस्था करे. इससे शिक्षित बेरोजगार को एक बार रोजगार पाने का सुअवसर मिल सकेगा.

विकास प्रसाद, रातू रोड, रांची

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