गांवों में भी चलायें सफाई अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाया गया स्वच्छ भारत अभियान एक सराहनीय कदम है. समाचार पत्रों और टीवी चैनलों में इससे जुड़नेवाले और शहरों की सड़कों की सफाई करनेवाले नेताओं व सेलिब्रिटियों को हम प्रतिदिन देखते हैं. लेकिन इस सफाई अभियान की दरकार सिर्फ शहरों में ही नहीं, बल्कि देश के गांवों में भी है. शहरों […]
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाया गया स्वच्छ भारत अभियान एक सराहनीय कदम है. समाचार पत्रों और टीवी चैनलों में इससे जुड़नेवाले और शहरों की सड़कों की सफाई करनेवाले नेताओं व सेलिब्रिटियों को हम प्रतिदिन देखते हैं. लेकिन इस सफाई अभियान की दरकार सिर्फ शहरों में ही नहीं, बल्कि देश के गांवों में भी है.
शहरों में तो लोग अच्छे-अच्छे कपड़े पहन कर फोटो खिंचवाने के लिए भी सड़कों पर झाड़ लगा देते हैं, लेकिन गांवों की गंदगी को कौन साफ करेगा? यहां के लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान कौन चलायेगा?
देश में अब भी करीब 70 फीसदी ग्रामीण क्षेत्र है और इन क्षेत्रों में नगरपालिकाओं की कचरा गाड़ी भी नहीं आती. नालियां अगर बजबजा रही हैं, तो वे महीनों तक वैसे ही बजबजाती रहेंगी. यह तो भला मनाइए होली के त्योहार का कि उसके आते ही गांवों की नालियों की खुद-ब-खुद सफाई हो जाती है. गांवों के कुछ जागरूक लोग अपने घरों के सामने गलियों की सफाई करते तो हैं, लेकिन कचरे के निपटान के लिए कोई समुचित स्थान नहीं होने के कारण गंदगी फिर गलियों में बिखर जाती है.
प्रधानमंत्री ने सफाई के लिए जो अभियान चलाया है, मुङो डर है कि कहीं यह भी अन्य सरकारी योजनाओं की तरह सफेद हाथी न बन कर रह जाये.
स्वच्छ भारत का सपना तभी पूरा हो सकता है, जब हमारे स्थानीय निकाय या फिर सरकारें प्रत्येक गांवों में कूड़ेदान की व्यवस्था करें या फिर नगरपालिकाओं की कचरा गाड़ी नियमित रूप से भेजने का इंतजाम करें. पूरा भारत तभी स्वच्छ होगा, जब देश के शहरों के साथ गांवों में भी स्वच्छता दिखायी दे. यदि ऐसा नहीं हो पाता है, तो फिर यह अभियान सिर्फ दिखावा कहलायेगा.
रंजीत कुमार रॉय, बोकारो