सीएनटी की जगह नया कानून बने

सूबे की सरकार को यदि सीएनटी एक्ट में संशोधन करना है, तो इसकी प्रक्रिया जल्द ही पूरा कर ली जानी चाहिए. इसका कारण यह है कि इस एक्ट के वर्तमान प्रावधानों की वजह से राज्य का गरीब आदमी आर्थिक पहलुओं से जुड़ा हुआ कोई काम नहीं कर पा रहा है. किसी को बेटी की शादी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2014 6:43 AM

सूबे की सरकार को यदि सीएनटी एक्ट में संशोधन करना है, तो इसकी प्रक्रिया जल्द ही पूरा कर ली जानी चाहिए. इसका कारण यह है कि इस एक्ट के वर्तमान प्रावधानों की वजह से राज्य का गरीब आदमी आर्थिक पहलुओं से जुड़ा हुआ कोई काम नहीं कर पा रहा है. किसी को बेटी की शादी के लिए पैसे की दरकार है, तो कोई अन्य काम करना चाहता है.

झारखंड का मूल निवासी और खास कर आदिवासी समुदाय या फिर अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय का ही आदमी क्यों न हो, उसे अपने थाने के बाहर के ग्राहकों के हाथ जमीन बेचने का अधिकार मिलना चाहिए. मेरी राय में तो इस कानून को समाप्त कर एक ऐसा नया कानून बनना चाहिए, जिसके माध्यम से गरीब आदमी को पंचायत प्रतिनिधि, मुखिया, जिला परिषद आदि की अनुशंसा पर बेचने का हक मिले.

अनिल कुमार चंद्रवंशी, डालटनगंज

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