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ग्रामीण करेंगे वोट का बहिष्कार
राजधानी से महज 16 किमी दूर ओरमांझी प्रखंड के खिराबेड़ा गांव का हाल उत्तम महतो रांची : राष्ट्रीय राजमार्ग 33 (रांची-रामगढ़ रोड) से दो किलोमीटर अंदर खिराबेड़ा गांव की स्थिति आज भी जस की तस है. गांव में पक्की सड़क व राशन दुकान खोलने की मांग को लेकर ओरमांझी प्रखंड के इस गांव के लोगों […]
राजधानी से महज 16 किमी दूर ओरमांझी प्रखंड के खिराबेड़ा गांव का हाल
उत्तम महतो
रांची : राष्ट्रीय राजमार्ग 33 (रांची-रामगढ़ रोड) से दो किलोमीटर अंदर खिराबेड़ा गांव की स्थिति आज भी जस की तस है. गांव में पक्की सड़क व राशन दुकान खोलने की मांग को लेकर ओरमांझी प्रखंड के इस गांव के लोगों ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वोट का बहिष्कार किया था. यहां के बूथ पर एक भी मत नहीं पड़ा था.
पूरे राज्य में एक या दो बूथ ही था, जहां एक भी मत नहीं पड़ा था. गांव के लोग इस बार भी वोट बहिष्कार करने के मूड में हैं. इससे पूर्व गांव की बैठक होगी, जिसमें अंतिम निर्णय लिया जायेगा. जिस मुद्दे को लेकर ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार किया था, वह आज भी जस की तस है.
ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव हुआ, रिजल्ट भी आ गया, परंतु अब तक गांव के हालात नहीं बदले. न तो गांव में सड़क निर्माण हुआ और न ही राशन दुकान (पीडीएस) खुली. गांव के वार्ड मेंबर चुंदा बेदिया कहते हैं कि वोट बहिष्कार के बाद भी हमारी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. इसलिए इस बार विधानसभा चुनाव में हम वोट करेंगे या नहीं, ग्रामीणों के साथ बैठक में तय किया जायेगा.
10 किलोमीटर दूर है राशन की दुकान
गांव में रहनेवाले अधिकतर लोगों का मुख्य कार्य दैनिक मजदूरी है. कुछ लोग क्रशर में काम करने जाते हैं, वहीं अधिकतर लोग मजदूरी करने के लिए रांची व रामगढ़ का रुख करते हैं. गांव की आबादी 750 के लगभग है, जिसमें 350 वोटर हैं. गांव के अधिकतर लोगों के पास लाल कार्ड है परंतु उनके जन वितरण प्रणाली की दुकान 10 किलोमीटर दूर पालू में है. दुकान दूर होने के कारण लोग हर माह मिलने वाले राशन को लेने नहीं जाते हैं.
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