रोग की जड़ पर प्रहार का प्रयास

बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सरकारी अस्पतालों की स्थिति में सुधार की पहल की है. इस पहल के तहत मुख्यमंत्री ने सीधे रोग की जड़ पर चोट की है. उनका यह फैसला बहुत ही सटीक है कि पांच साल से एक ही अस्पताल में जमे डॉक्टरों का तबादला किया जायेगा. राज्य के कई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 13, 2014 11:31 PM

बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सरकारी अस्पतालों की स्थिति में सुधार की पहल की है. इस पहल के तहत मुख्यमंत्री ने सीधे रोग की जड़ पर चोट की है. उनका यह फैसला बहुत ही सटीक है कि पांच साल से एक ही अस्पताल में जमे डॉक्टरों का तबादला किया जायेगा. राज्य के कई अस्पतालों में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं कि एक ही डॉक्टर 25 साल से जमे हुए हैं. इसी तरह का मामला अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को लेकर भी है.

लंबे समय से एक ही अस्पताल में जमे रहनेवाले डाक्टर व सहायक मेडिकल कर्मचारी अपनी मनमर्जी से अस्पताल चलाते हैं. अस्पतालों में डाक्टरों व अन्य कर्मचारियों की पोस्टिंग का खेल भी कम निराला नहीं है. राज्य में सैकड़ों ऐसे मामले हैं, जिसमें डाक्टर की पोस्टिंग किसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में है, लेकिन वह सेवा जिला के सदर अस्पताल में दे रहा है. इसी तरह, अधिकतर सहायक मेडिकल स्टाफ दूरदराज स्थित गांवों में जाने के बदले शहर या उसके आसपास के अस्पतालों में ही अपनी सेवा देना चाहता है.

दूरदराज के किसी पीएचसी में शायद ही कोई महिला डाक्टर रहती है. कैंप या किसी सरकारी कार्यक्रम के दौरान सदर, रेफरल अस्पताल से किसी महिला डाक्टर की सप्ताह भर के लिए तैनाती की जाती है. स्वास्थ्य विभाग में डाक्टरों के तबादले करानेवाला गिरोह जैसा बना हुआ है. यह गिरोह डाक्टरों को उनकी इच्छानुसार पोस्टिंग दिलाने में पूरी तरह सक्षम है. अगर, कभी-कभार मंत्री या बड़े अधिकारियों की सख्ती के कारण शहरी इलाकों में पोस्टिंग नहीं होती है, तो उसकी कहीं दूसरी जगह पोस्टिंग दिखा कर शहर के किसी सरकारी अस्पताल से अटैच करा दिया जाता है. अगर यह भी नहीं हो पाया, तो उसे मलेरिया अधिकारी बना दिया जाता है.

ऐसा नहीं है कि विभाग में चलनेवाले इस निराले खेल से अधिकारी या विभागीय मंत्री अनजान हैं. चूंकि यह गिरोह इतना शक्तिशाली है कि सबकुछ जानने के बावजूद एक ही जगह पर सालों से जमे डाक्टरों या कर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है. मुख्यमंत्री ने इस बार कार्रवाई करने का एलान किया है, तो पूरी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए सभी डाक्टरों के रिकार्ड का कंप्यूटरीकरण कर देना चाहिए, जिससे गड़बड़ी करनेवालों को पकड़ा जा सके.

Next Article

Exit mobile version