आसाराम की चिट्ठी संत रामपाल के नाम

जियो बिरादर, तुमने नाम रोशन कर दिया बाबा बिरादरी का. ऐसे ही हठयोग साधे रहे. पुलिस आये या फौज, धर्मध्वजा झुकनी नहीं चाहिए. बताओ भला, इतना बड़ा तत्त्वदर्शी संत एक एलएलबी पास जज के सामने कठघरे में खड़ा हो! घोर कलियुग! अदालत में सब विधर्मी, धर्मद्रोही बैठे हैं. साधु-संतों का चुन-चुन कर अपमान किया जा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2014 12:54 AM

जियो बिरादर,

तुमने नाम रोशन कर दिया बाबा बिरादरी का. ऐसे ही हठयोग साधे रहे. पुलिस आये या फौज, धर्मध्वजा झुकनी नहीं चाहिए. बताओ भला, इतना बड़ा तत्त्वदर्शी संत एक एलएलबी पास जज के सामने कठघरे में खड़ा हो! घोर कलियुग! अदालत में सब विधर्मी, धर्मद्रोही बैठे हैं. साधु-संतों का चुन-चुन कर अपमान किया जा रहा है.

मुगलों, अंगरेजों की बनायी इस न्याय व्यवस्था में हिंदुओं को न्याय कहां से मिलेगा? आज अगर वह प्राचीन गौरवशाली भारत होता, जो सोने की चिड़िया था, विश्वगुरु था, जहां दूध-दही की नदियां बहती थीं, जहां धर्म का राज था.. तो कोई उद्दंड न्यायाधीश हमारे-तुम्हारे जैसे संत को अपने सामने हाजिर होने का आदेश देने का दुस्साहस नहीं कर सकता था. कितनी शर्म की बात है कि तुम्हें हत्या का आरोपी बताया जा रहा है. आश्रम की स्थापना धर्म की स्थापना है.

और इसकी राह में कोई रोड़ा बने, तो उसके खिलाफ बल प्रयोग शास्त्रसम्मत है. काूनन व संविधान इनसान के बनाये हैं और शास्त्र ईश्वर का. मनुष्य का विधान ईश्वरीय विधान से ऊपर कैसे हो सकता? माना कि तुम कबीरपंथी हो और शास्त्र को नहीं मानते, पर चल रहे हो शास्त्र के मार्ग पर ही, इसलिए ईश्वर तुम्हारा साथ देगा. तुम इस झांसे में आकर आत्मसमर्पण मत कर देना कि हिंदू हृदय सम्राट अब देश की गद्दी पर बैठ गया है, इसलिए कुछ नहीं बिगड़ेगा. अभी उसके पास हमारे-तुम्हारे लिए समय नहीं है. वह तो अभी अंबानी-अडानी जी के काम में फंसा हुआ है. अंबानी जी के लिए डीजल नियंत्रण मुक्त करा दिया, प्राकृतिक गैस का दाम बढ़वा दिया. अडानी जी के पावर प्रोजेक्ट के लिए जमीन की वन विभाग से मंजूरी दिलवा दी और अब आस्ट्रेलिया में उनकी कोयला खदान के लिए एक अरब डॉलर का कर्ज एसबीआइ से दिलवा रहा है.

लेकिन हम बाबा लोगों के लिए क्या? यह ठीक है कि हमारा धर्म-कर्म इन्हीं अंबानियों- अडानियों के बूते ही चलता है, पर उनकी फिक्र में ऐसा भी क्या दीवाना हो जाना कि हम लोगों की कोई फिक्र ही नहीं. कितनी उम्मीद थी कि विदेशी मां-बेटे की पार्टी के राज में मुझ पर जो अत्याचार हुआ है, हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी सत्ता में आकर उसे ठीक करेगी. लेकिन हुआ क्या? इसलिए मेरी तरह भूल बिल्कुल न करना. मुङो लगा था कि मध्य प्रदेश सरकार हमारी हमदर्द है, इसलिए झांसे में आ गया. काश! मैंने भी इंदौर में अपने भक्तों को जमा कर लिया होता. तुम्हारी तरह मेरी भी ऐसी-ऐसी भक्तिनें हैं कि पुलिस को मुङो पकड़ने के लिए उनकी लाशों पर से गुजरना पड़ता है. बताओ भला, जिसके लिए स्त्रियां जान देने को तैयार हों, उसे बलात्कार के आरोप में जेल भेज दिया गया! मेरा जो है सो है. अब तुम्हीं से संतों के मान की रक्षा की उम्मीद है.

तुम्हारा बड़ा भाई- आसाराम

सत्य प्रकाश चौधरी

प्रभात खबर, रांची

satyajournalist@gmail.com

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