सब संसाधनों के बावजूद बने कर्जदार
बीते 14 नवंबर को प्रभात खबर में प्रकाशित 14 वर्ष का झारखंड में राज्य पर 34868 करोड़ रुपये के कर्ज की जानकारी दी गयी है. इसके तहत हर व्यक्ति औसतन 12,600 रुपये का कजर्दार है. समाचार को बढ़ कर बहुत दुख हुआ कि हम आज भी अविकसित राज्य में निवास कर रहे हैं, जबकि यहां […]
बीते 14 नवंबर को प्रभात खबर में प्रकाशित 14 वर्ष का झारखंड में राज्य पर 34868 करोड़ रुपये के कर्ज की जानकारी दी गयी है. इसके तहत हर व्यक्ति औसतन 12,600 रुपये का कजर्दार है. समाचार को बढ़ कर बहुत दुख हुआ कि हम आज भी अविकसित राज्य में निवास कर रहे हैं, जबकि यहां पर हर संसाधन मौजूद है.
विकास के नाम पर वोट मांग कर, जनता को कजर्दार बना दिया गया, तो इसके लिए हम आम लोग भी जिम्मेदार हैं. लेकिन क्या सिर्फ इतने से यह मसला हल हो जायेगा? कभी नहीं. आइए, प्रभात खबर में प्रकाशित अभियान ‘आओ हालात बदलें’ को पढ़ें और सोचें-समझें. मतदान के समय जात-पात से दूर रह कर सही प्रत्याशी का चुनाव करें. स्थायी सरकार बनाने में सहयोग करें. तभी झारखंड के हालात बदलेंगे. अधिकार पाने के लिए पहले कर्तव्य पालन करें.
शैलेंद्र कुमार पांडेय, रांची