भ्रष्टाचार हटे बिना नहीं होगा विकास
सोचा था कि देश में सरकार बदलेगी, तो हम झारखंडियों का भी कुछ भला हो जायेगा. यहां के मतदाताओं ने जोश के साथ वोट डाला. देश के पसंदीदा नेता प्रधानमंत्री की कुरसी पर विराजमान हो गये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले साठ और फिर सौ दिन पूरे किये और इसके बाद वह पड़ोसी देशों से […]
सोचा था कि देश में सरकार बदलेगी, तो हम झारखंडियों का भी कुछ भला हो जायेगा. यहां के मतदाताओं ने जोश के साथ वोट डाला. देश के पसंदीदा नेता प्रधानमंत्री की कुरसी पर विराजमान हो गये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले साठ और फिर सौ दिन पूरे किये और इसके बाद वह पड़ोसी देशों से संबंध सुधारने की मुहिम पर चल दिये. भूटान, जापान, चीन आदि की यात्रएं कीं. ब्रिक्स सम्मेलन में भी गये और इस बीच झारखंड भी आये और चले भी गये, पर मैं उनके भाषणों के अलावा कुछ नहीं सुन सकी.
आज मैं यह सोचने पर मजबूर हूं कि देश और झारखंड का यह कैसा विकास है? आज हम दिन-ब-दिन पीछे चले जा रहे हैं. झारखंड के पास अपार प्राकृतिक संपदा है, मगर क्या उससे राज्य का विकास हो रहा है? आज यहां सफेदपोशों (नेताओं) और लालफीताशाहों (अफसरों) का राज है. यहां के बड़े अफसरों से लेकर नेताओं की कथनी-करनी में भारी अंतर है. आज सत्ता की चाबी उनके हाथों में है, जो पहले से ही भ्रष्ट हैं. आये दिन लोगों के मुंह से यह सुनने को मिलता है कि बिहार और झारखंड का कुछ नहीं हो सकता. आज यहां की सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन हैं. क्या उन्हें यहां की वस्तुस्थिति की जानकारी नहीं है? क्या केंद्र सरकार झारखंड का विकास कराने आयेगी या यहां की स्थानीय सरकार को ही विकास कराना होगा?
क्या यहां के शासकों, नेताओं और अफसरों ने विकास का कोई पैमाना तैयार किया है? हेमंत सोरेन को यह अच्छी तरह से जान लेना चाहिए कि सत्ता के गलियारे में जब तक भ्रष्ट लोग रहेंगे, तब तक राज्य का विकास नहीं हो सकेगा. इसके लिए इन्हें निकाल बाहर करना जरूरी है.
काजल कुमारी सिंह, रांची