महिलाओं को टीइटी में विशेष लाभ मिले
मैं इस अखबार के माध्यम से मानव संसाधन विकास विभाग, झारखंड के उच्चधिकारियों का ध्यान हाल में संपन्न शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) की विसंगतियों की ओर आकृष्ट करना चाहती हूं. हम जानते हैं कि शिक्षा के विकास में महिलाएं अहम भूमिका निभाती हैं. एक महिला के शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित हो जाता है. […]
मैं इस अखबार के माध्यम से मानव संसाधन विकास विभाग, झारखंड के उच्चधिकारियों का ध्यान हाल में संपन्न शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) की विसंगतियों की ओर आकृष्ट करना चाहती हूं. हम जानते हैं कि शिक्षा के विकास में महिलाएं अहम भूमिका निभाती हैं.
एक महिला के शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित हो जाता है. प्राथमिक शिक्षा में महिलाएं बेहतर शिक्षक साबित होती हैं. परंतु इस टीइटी में सफल 65,439 उम्मीदवारों में मात्र 16,149 (यानी 24.67 प्रतिशत) महिलाएं हैं. ऐसा क्यों? टीइटी में पिछड़ी जातियों के लिए उत्तीर्णाक 52 प्रतिशत तथा सामान्य वर्ग हेतु 60 प्रतिशत निर्धारित है. इसमें महिलाओं को कोई भी छूट नहीं दी गयी है. उनके लिए भी उत्तीर्णाक पुरुषों के समान ही रखा गया है.
पड़ोसी राज्य बिहार में महिलाओं के लिए अलग कोटि बना कर अलग उत्तीर्णाक निर्धारित था, लेकिन हमारे यहां ऐसा नहीं है. जिसके कारण बहुत कम महिलाएं सफल हो पायी हैं. डेढ़ घंटे की टीइटी ने सभी के उम्मीदों पर पानी फेर कर रख दिया है. मेरा अनुरोध है कि सभी कोटि की महिलाओं का अलग वर्ग बनाया जाये.
वंदना
लोहरदगा