13 दिसंबर को प्रभात खबर की विशेष प्रस्तुति ‘विश्व राजनीति के दावं-पेच में चित्त हुआ कच्च तेल’ पढ़ा. तेल के दामों में कमी का असर भारत समेत दुनिया के अन्य देशों पर भी पड़ा है. तेल हमेशा अर्थव्यवस्था और विश्व बाजार को प्रभावित करता रहा है. भारत तेल के लिए ओपेक देशों पर निर्भर करता है. सरकार को चाहिए कि वह तेल के दाम में आयी कमी का फायदा उठाये. सस्ते तेल को आयात कर भंडारण करे. वैसे तो तेल निर्यातक देशों का चिंतित होना लाजिमी है.
चूंकि उनकी आय का मुख्य स्नेत निर्यात ही है. फिलहाल भारत फायदे में है. बहुत हद तक महंगाई काबू में है. तेल को लेकर समय-समय पर मीडिया भयावह रिपोर्ट पेश करता रहा है. तेल से प्रभावित होना विश्व समुदाय की मजबूरी है, लेकिन इसका विकल्प खोजने के लिए वैज्ञानिकों को प्रयास करना चाहिए.
भगवान ठाकुर, तेनुघाट