तब आरटीआइ का ढकोसला क्यों?

सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के दायरे में बीसीसीआइ आ सकती है. खेल विधेयक के नये मसौदे में कहा गया है कि जो भी खेल संघ आरटीआइ के दायरे में नहीं आयेंगे, उन्हें ‘इंडिया’ या ‘भारत’ का इस्तेमाल नहीं करने दिया जायेगा. लेकिन इसी मसौदे में इसका तोड़ भी मौजूद है. मसौदे की धारा– जी कहती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2013 4:14 AM

सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के दायरे में बीसीसीआइ सकती है. खेल विधेयक के नये मसौदे में कहा गया है कि जो भी खेल संघ आरटीआइ के दायरे में नहीं आयेंगे, उन्हें इंडियाया भारतका इस्तेमाल नहीं करने दिया जायेगा. लेकिन इसी मसौदे में इसका तोड़ भी मौजूद है.

मसौदे की धाराजी कहती है कि किसी भी खेल संघ से उसकी वाणिज्यिक गोपनीयता, ट्रेड सीक्रेट और बौद्धिक संपदा से जुड़े ऐसे मुद्दों पर सवाल पूछने का अधिकार नहीं होगा, जिससे बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिहाज से उसका नुकसान हो.

यानी आरटीआइ में व्यावसायिक पहलुओं से जुड़े सवाल नहीं पूछ पायेंगे. जबकि पहले से भी कुछ छूटें थीं, जिसमें टीम का चयन, सपोर्ट स्टाफ का चयन या हटाना, खिलाड़ियों की चोट फिटनेस आदि के अलावा डोपिंग टेस्ट के नतीजे के बारे में आरटीआइ दायर नहीं की जा सकती. अब प्रश्न यह है कि आखिर आप बीसीसीआइ से कुछ जानकारी लेना चाहें तो वह क्या होगी. जाहिर है कि यह प्रावधान बीसीसीआइ के अनुरूप नजर रहा है. आखिर यह आरटीआइ का ढकोसला क्यों?
।। अरविंद
कुमार ।।

(ईमेल से)

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