झारखंड में भाजपा विधायक रघुवर दास का मुख्यमंत्री बनना कई सवाल पैदा कर रहा है. सवाल इसलिए उठाये जा रहे हैं, क्योंकि इस राज्य के 14 साल के इतिहास में पहली बार गैर आदिवासी समुदाय के विधायक को मुख्यमंत्री बनाया गया है.
हम भी मान लेते हैं कि अब तक की परंपरा को ताक पर रख कर गैर आदिवासी नेता को सिंहासन सौंपा गया है, लेकिन सवाल यह भी है कि अब तक इस राज्य में जितने भी आदिवासी समुदाय के नेता मुख्यमंत्री बने हैं, उन लोगों ने सूबे का कितना विकास कराया? अगर रघुवर दास को उनकी पार्टी की ओर से आजमाने के तौर पर एक मौका दिया गया है, तो इसमें हर्ज ही क्या है? जब राज्य के मतदाताओं का विश्वास कांग्रेस और उसके घटक दलों से उठ गया, तभी तो भाजपा और उसके घटक दलों को सत्ता की बागडोर सौंपी गयी है.
रेखा भट्टाचार्य, रांची