दोपहिया वाहनों पर नहीं है नियंत्रण

जहां एक ओर झारखंड सरकार के परिवहन आयुक्त ने केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली 1989 की धारा 50 व 51 के अनुरूप सभी वाहनों के आगे और पीछे निबंधन चिह्न् स्पष्ट शब्दों में लिखने का निर्देश दिया है, वहीं यातायात पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए दोपहिया वाहनों के मालिक सबसे आगे हैं. वे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2015 5:33 AM

जहां एक ओर झारखंड सरकार के परिवहन आयुक्त ने केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली 1989 की धारा 50 व 51 के अनुरूप सभी वाहनों के आगे और पीछे निबंधन चिह्न् स्पष्ट शब्दों में लिखने का निर्देश दिया है, वहीं यातायात पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए दोपहिया वाहनों के मालिक सबसे आगे हैं.

वे अपने वाहनों के आगे-पीछे ए/एफ लिख कर महीनों तक काम चलाते हैं. वे न सिर्फ परिवहन आयुक्त के निर्देशों का ही उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि गली-कूचों में गति नियमों को भी ताक पर रख कर फर्राटेदार गाड़ी चलाते हैं. इन चालकों से राहगीरों और खास कर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गो को खासी परेशानी होती है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस प्रकार के वाहनों से दुर्घटना होने के बाद वे जल्दी पकड़ में नहीं आते और पीड़ित व्यक्ति अस्पताल जाने को मजबूर हो जाते हैं.

परमेश्वर झा, दुमका

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