सफल नहीं होते प्रेम विवाह

हस्तलिखित पत्र लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए धन्यवाद! वरना वर्तमान में 90 प्रतिशत लोग लिखना ही भूल चुके हैं. लिखते तो सभी हैं, लेकिन कलम को उंगलियों से पकड़ कर नहीं, बल्कि उंगलियों के दबाव से चलंत दूरभाष (मोबाइल) अथवा ‘ज्ञानतंत्र’ (इंटरनेट) पर लिखना आसान समझते हैं, जो आज के युग में जरूरी भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2013 3:48 AM

हस्तलिखित पत्र लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए धन्यवाद! वरना वर्तमान में 90 प्रतिशत लोग लिखना ही भूल चुके हैं. लिखते तो सभी हैं, लेकिन कलम को उंगलियों से पकड़ कर नहीं, बल्कि उंगलियों के दबाव से चलंत दूरभाष (मोबाइल) अथवा ज्ञानतंत्र’ (इंटरनेट) पर लिखना आसान समझते हैं, जो आज के युग में जरूरी भी है.

इस स्तंभ के जरिये मैं एक बात कहना चाहता हूं. आज हमारे समाज में भागभगा कर विवाह (प्रेम विवाह) का प्रचलन जोर पकड़ रहा है. पता नहीं यह एक युग परिवर्तन का आभास है या रूढ़िवादिता को विखंडित करने की पहल, अथवा जाति प्रथा की जड़ को उखाड़ फेंकना या कुछ और.

परिणाम कुछ तो दिखता है और कुछ कल दिखेगा. मेरी सोच के अनुसार यह हमारी वैदिक परंपरा पर कुठाराघात है. दुनियाभर में भारतीय विवाहों को खास महत्ता मिली हुई है. विवाह बंधन से संबंधित चाहे किसी भी धर्म के रीतिरिवाज हों, नष्ट होने के कगार पर हैं, जो हर जोड़े को जीवनर्पयत बांध कर रखते हैं. लेकिन प्रेम विवाह में आगे चल कर प्रेम रह जाता है और ही विवाह.
।। लक्ष्मीनारायण
केशरी ।।

(ईमेल से)

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