टाटा के सहयोग से विकास की उम्मीद

टाटा ग्रुप के चेयरमैन साइरस मिस्त्री और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास के बीच बुधवार को रांची में जो बातचीत हुई, उससे राज्य में कई संस्थानों के खुलने के आसार बने हैं. टाटा ग्रुप का झारखंड के इलाके से सौ साल से ज्यादा का संबंध है. इस राज्य में उसकी कई बड़ी कंपनियां हैं. इसलिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2015 5:24 AM

टाटा ग्रुप के चेयरमैन साइरस मिस्त्री और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास के बीच बुधवार को रांची में जो बातचीत हुई, उससे राज्य में कई संस्थानों के खुलने के आसार बने हैं.

टाटा ग्रुप का झारखंड के इलाके से सौ साल से ज्यादा का संबंध है. इस राज्य में उसकी कई बड़ी कंपनियां हैं. इसलिए अगर सरकार और टाटा घराना मिल कर राज्य के विकास के लिए योजना तैयार करते हैं, तो इससे राज्य को बड़ा लाभ होगा. मुख्यमंत्री के दिमाग में टाटा ग्रुप के सहयोग से राज्य में कई काम कराने की योजना है, जिसे उन्होंने बातचीत में रखा भी. साइरस मिस्त्री ने इनमें से अधिकतर पर सहमति व्यक्त की है.

राज्य में टाटा एक कैंसर अस्पताल बनाने पर सहमत है. वैसे जमशेदपुर में पहले से एक कैंसर अस्पताल है, लेकिन जिस तरीके से झारखंड और इसके आसपास के इलाके में कैंसर का फैलाव हुआ है, एक बड़े अस्पताल की जरूरत है.

अगर यह काम हुआ, तो न सिर्फ झारखंड, बल्कि आसपास के राज्यों के लोगों को भी बाहर नहीं जाना होगा. अभी मुंबई में देश का श्रेष्ठ कैंसर अस्पताल है, जिसका संचालन टाटा करता है. टाटा को इस क्षेत्र का अनुभव है. रांची में 500 और दुमका में 300 बेड के अस्पताल पर भी टाटा ग्रुप सहमत है. बेहतर अस्पताल नहीं होने के कारण झारखंड के लोगों को दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है.

टाटा अगर राज्य में अस्पताल खोले, उसके इलाज में गरीबों का ख्याल रखे तो गरीब मरीजों का भला ही होगा. टाटा की कंपनी जमशेदपुर में है. यहीं से उसने अपनी यात्र आरंभ की थी, इसलिए झारखंड के प्रति लगाव स्वाभाविक होना चाहिए. राज्य में टीसीएस की शाखा खोलने की बात हो या रांची, जमशेदपुर को आइटी हब बनाने की, अगर टाटा चाह ले तो कुछ भी असंभव नहीं.

टाटा के चेयरमैन का आश्वासन झारखंड के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. अगर टाटा ग्रुप झारखंड में रिसर्च इंस्टीटय़ूट खोलता है, तो इसका दीर्घकालीन लाभ झारखंड को मिलेगा. राज्य में इंफ्रास्ट्रर विकसित करने का काम थमा हुआ है. इस वार्ता और सहमति पर अगर तेजी से काम हो, टाटा ग्रुप और सरकार लगातार पार्टनर बन कर इन कार्यो को आगे बढ़ायें, तो झारखंड की कई समस्याओं का निदान हो सकता है. उम्मीद है कि इस वार्ता का सुखद नतीजा जल्द दिखेगा.

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