यह तेजी जारी रहनी चाहिए
* विकास में देश से आगे बिहार बिहार की विकास यात्रा जारी है. बीमारू राज्य की छवि से मुक्त होने की दिशा में आगे बढ़ रहे इस प्रांत की विकास गाथा में हाल के वर्षो में कई नये अध्याय जुड़े हैं. अब राज्य के विकास से जुड़ी नयी सूचनाओं के साथ जो तथ्य सामने आ […]
* विकास में देश से आगे बिहार
बिहार की विकास यात्रा जारी है. बीमारू राज्य की छवि से मुक्त होने की दिशा में आगे बढ़ रहे इस प्रांत की विकास गाथा में हाल के वर्षो में कई नये अध्याय जुड़े हैं. अब राज्य के विकास से जुड़ी नयी सूचनाओं के साथ जो तथ्य सामने आ रहे हैं, वे सूबे के हर नागरिक के लिए उत्साहवर्धक हैं.
प्रदेश के सुरक्षित भविष्य के आश्वासन के तौर पर इन तथ्यों को देखा जा सकता है. बिहार की विकास दर अगर देश की विकास दर से तिगुनी है, तो यह कोई मामूली बात नहीं है. इसे गंभीरता से देखा–समझा जाना चाहिए. आनेवाले दिनों में सूबे की तरक्की के बारे में इससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है.
बिहार की विकास दर 14 प्रतिशत से भी आगे निकल जायेगी, यह बात कुछ वर्ष पहले तक सोची नहीं जा सकती थी. बिहार के पुराने मानचित्र से झारखंड के कट जाने के बाद तो शेष बिहार के नागरिकों में भारी हताशा की स्थिति थी. तब चिंता की खास वजह यह थी कि जिन खनिज संपदाओं के लिए कभी पूरी दुनिया में बिहार का नाम लिया जाता था, आज से 13 वर्ष पहले वे सब झारखंड के हवाले हो गयीं. बिहार के साथ रहे इसकी खेती–बारी व मानव संसाधन.
एक दौर था, जब सूबे के लोग इस चिंता में डूबे थे कि बिहार के खेतों में जो उगेगा, यहां की आबादी उसे खा–पीकर बराबर कर देगी. भविष्य का क्या होगा? पर, राज्य के कुशल नेतृत्व ने अपनी बेहतर प्रबंधन कला से विकास की नयी कहानी गढ़ी है. अपने नागरिकों की वर्षो पुरानी चिंता को आधारहीन साबित किया है, निमरूल किया है. ध्यान देने योग्य एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि एक ओर जहां राष्ट्रीय स्तर पर विकास की रफ्तार घट रही है, वहीं तमाम प्रतिकूलताओं के बीच बिहार ने अपनी विकास गति को न केवल बनाये रखा है, बल्कि इसमें तेजी भी लायी है.
प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ी है. इसमें 1768 रुपये का इजाफा हुआ है. वैसे, सरकार को कृषि के क्षेत्र में विकास दर को और तेज करने की गंभीर कोशिश करनी होगी. क्योंकि, बिहार की अर्थव्यवस्था के सामने आनेवाले वर्षो में भी कृषि पर निर्भर रहने की मजबूरी बनी रहेगी. इसका कोई ठोस विकल्प फिलहाल सामने नहीं है. इस तथ्य को सरकार भी समझ रही है, इसमें दो राय नहीं.
राज्य में कृषि पर काफी बल भी दिया जा रहा है. कृषि और किसान के हित में सरकार ने हाल के वर्षो में कई महत्वपूर्ण पहल की है. पर, कृषि के महत्व को देखते हुए सरकार को चाहिए कि वह विकास दर में इसकी भागीदारी का दायरा बढ़ाने की दिशा में और तेजी से पहल करे.