छोटी-मोटी बातों का हौवा न बनायें
अगर मोदी जी कुत्ते के पिल्ले का उदाहरण नहीं देते तो फिर क्या देते? या तो बकरी के बच्चे का देते? गाय, भैंस, हाथी, घोड़े का तो नहीं दे सकते थे? मुख्यमंत्री स्तर का व्यक्ति आज के जमाने मे पैदल तो चलेगा नहीं. अगर वह पैदल चलने वाले होते तो चींटी का उदाहरण दे सकते […]
अगर मोदी जी कुत्ते के पिल्ले का उदाहरण नहीं देते तो फिर क्या देते? या तो बकरी के बच्चे का देते? गाय, भैंस, हाथी, घोड़े का तो नहीं दे सकते थे? मुख्यमंत्री स्तर का व्यक्ति आज के जमाने मे पैदल तो चलेगा नहीं. अगर वह पैदल चलने वाले होते तो चींटी का उदाहरण दे सकते थे.
कांग्रेस के नेता व अन्य दल भी मोदी के भाषण के पुछल्ले पर बयान देते हैं. बुर्का हो या कुत्ते का पिल्ला हो, क्यों नही मोदी के पूरे भाषण का जवाब देते? क्यों नहीं बतलाते कि महंगाई क्यों बढ़ी? घोटाले क्यों हुए? बेरोजगारी क्यों बढ़ी? चीन, कोरिया से देश क्यों पिछड़ा? कम विकास क्यों हुआ? सरकार अनिर्णय की स्थिति में क्यों है?
डॉलर का भाव क्यों बढ़ रहा है? इन सभी बातों पर बुर्का क्यों डाला जाता है ! अन्य गैर कांग्रेसी दलों को समझना चाहिए कि कांग्रेस मोदी की बातों का पुछल्ला पकड़ रही है, ताकि देश के विभिन्न हिस्सों के अल्पसंख्यक वोटर उसके साथ हो जायें और वह चुनाव के समय उन्हें कैश करा सके. मोदी के विपक्षियों को चाहिए कि वे मोदी के भाषणों की मूल बातों को पकड़ें और उसकी जड़ों को समझने की कोशिश करें. छोटी–मोटी बातों का हौव्वा न बनायें.
।। विकास ओझा।।
(गोलमुरी, जमशेदपुर)