पाकिस्तान की आर्थिक मदद बंद हो

हाल के दिनों में, दुनिया के कई देशों में जिस तरह से आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया गया है, उससे यह साबित हो गया है कि आज आतंकवाद विश्वस्तरीय मसला बन गया है. बीते साल के आखिरी महीने में पाकिस्तान में एक स्कूल पर हमला, इस साल की शुरुआत में फ्रांस की एक पत्रिका के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2015 5:19 AM

हाल के दिनों में, दुनिया के कई देशों में जिस तरह से आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया गया है, उससे यह साबित हो गया है कि आज आतंकवाद विश्वस्तरीय मसला बन गया है. बीते साल के आखिरी महीने में पाकिस्तान में एक स्कूल पर हमला, इस साल की शुरुआत में फ्रांस की एक पत्रिका के कार्यालय में घुस कर हमला और भारतीय सीमा पर लगातार बरसायी जा रही गोलियों ने नाक में दम कर रखा है.

भारत और पाकिस्तान में हो रही आतंकवादी गतिविधियों से यह साबित हो गया है कि पाकिस्तान ही इसका संरक्षक है और इसी की वजह से भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. उसने खुद को आतंकवाद की पनाहगाह बना रखा है.

आज अगर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका जाकर भारत पर हो रहे आतंकी हमलों के साथ इस विश्वस्तरीय समस्या को उठाते हैं, तो उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है. उनके द्वारा उठाया गया कदम सही था. पाकिस्तान, फ्रांस में हुए हमलों के बाद पूरे विश्व की आंखें अब जा कर खुली हैं. भारत पहले से संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका के सामने अपना दुखड़ा रो रहा था, उन्हें यकीन नहीं हो रहा था. अगर आज भारत पर हो रहे हमले के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है, तो चीन भी कम नहीं है. वह पाकिस्तान को आर्थिक मदद देकर भारत की तबाही का सामान उपलब्ध करा रहा है.

आज अगर अमेरिका व चीन पाकिस्तान की मदद करना बंद कर दें, तो उसे अपने सरकारी कर्मचारियों को वेतन देना भारी पड़ जायेगा. फिर वह आतंकी पौध को संरक्षण कहां से दे पायेगा? इस पर चीन व अमेरिका को गंभीरता से विचार करना होगा और उन्हें 2001 की घटना से सबक लेना ही होगा.

डॉ भुवन मोहन, रांची

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