नयी सरकार के नये तेवर से आस जगी

झारखंड में नयी सरकार ने प्रशासनिक ढांचे को दुरुस्त करने के साथ भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की कवायद शुरू कर दी है. इसके तहत शासन की ओर से फरमान जारी किये जा रहे हैं और आगे भी ऐसे कई और आदेश जारी होंगे, इससे इनकार नहीं किया जा सकता. इसी कड़ी में कोयला चोरी को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2015 5:35 AM

झारखंड में नयी सरकार ने प्रशासनिक ढांचे को दुरुस्त करने के साथ भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की कवायद शुरू कर दी है. इसके तहत शासन की ओर से फरमान जारी किये जा रहे हैं और आगे भी ऐसे कई और आदेश जारी होंगे, इससे इनकार नहीं किया जा सकता. इसी कड़ी में कोयला चोरी को रोकने के लिए भी सख्त आदेश जारी किया गया है.

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि राज्य में खनिज संपदाओं का अवैध उत्खनन हुआ, तो संबंधित जिले के डीसी और एसपी जिम्मेदार होंगे. सीएम ने ऐसा कह कर अफसरशाही को उनकी जिम्मेवारी याद दिलायी है. साथ ही आगाह भी किया है कि कोई अपनी जिम्मेवारी से भाग नहीं सकता. ऐसा नहीं है कि सीएम का यह आदेश नया है.

इसके पहले भी इस तरह के आदेश दिये जाते रहे हैं. लेकिन फर्क सिर्फ इतना है ऐसे मामलों में पहली बार बड़े पद पर बैठे अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय की गयी है. अब देखना है कि मुख्यमंत्री के इस आदेश का कितना फायदा मिल पाता है. वैसे राज्य में अवैध खनन और कोयला चोरी की समस्या नयी है. वर्षो से ये जारी है. इसको लेकर कई बार हिंसक झड़पें भी हुई हैं. कई जाने भी गयी हैं. घटना होने पर पुलिस-प्रशासन के लोग थोड़ी कड़ाई करते हैं. फिर कुछ दिन बाद स्थिति यथावत हो जाती है. इसके कई कारण भी हैं. कोयले के काले धंधे में करोड़ों-अरबों का माल लगा हुआ है. साथ ही इस धंधे में लोगों की पकड़ भी मजबूत है. ऊपर से लेकर नीचे तक के लोग इसमें शामिल हैं.

ऐसे में मुख्यमंत्री के नये आदेश के बाद डीसी-एसपी के सामने यह निश्चित रूप से एक बड़ी चुनौती होगी कि वे कैसे पाक साफ रह कर अवैध खनन पर रोक लगायेंगे. पूर्व में ऐसा देखा गया है कि जिस एजेंसी को भी इसकी जांच का जिम्मा दिया गया, सभी ने बहती गंगा में हाथ धोया. जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गयी. नतीजा सामने है. मुख्यमंत्री के इस आदेश के बाद यह आस जगी है कि अब शायद इस गोरखधंधे पर रोक लगे. लेकिन इसके लिए जरूरत है निष्पक्ष कार्रवाई की. साथ ही यह भी जरूरी है कि जो भी एजेंसी जांच के काम में लगी है, उसे खुली छूट दी जाये. ताकि पकड़ में आने पर बड़ी से बड़ी मछली पर कार्रवाई करने के लिए सबूत मिल सके .अब देखना है कि क्या मुख्यमंत्री के इस सख्त आदेश के बाद भी इस धंधे पर पूर्ण रूप से रोक लग पायेगी.

Next Article

Exit mobile version