विवेकानंद के विचारों से सीख लें

आज धार्मिक उन्माद चरम पर है. कट्टरता लोगों की विचारधारा बन गयी है. राजनेता सत्ता हासिल करने और उसमें बने रहने के लिए आग में घी डाल रहे हैं. दुनिया में पैदा होनेवाला हर बच्च पहले इंसान है, फिर नेता और राजनेता या फिर हिंदू, मुसलमान, सिख और इसाई. आज इस कट्टरता की हवा में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2015 6:30 AM
आज धार्मिक उन्माद चरम पर है. कट्टरता लोगों की विचारधारा बन गयी है. राजनेता सत्ता हासिल करने और उसमें बने रहने के लिए आग में घी डाल रहे हैं. दुनिया में पैदा होनेवाला हर बच्च पहले इंसान है, फिर नेता और राजनेता या फिर हिंदू, मुसलमान, सिख और इसाई.
आज इस कट्टरता की हवा में स्वामी विवेकानंद के विचार से सीख लेने की जरूरत है. उन्होंने धार्मिक कट्टरता की जम कर आलोचना की है. अमेरिका में आयोजित धर्म संसद में उन्होंने कहा था कि सांप्रदायिकता, हठधर्मिता और वंशधर धर्माधता इस सुंदर पृथ्वी को नष्ट कर देगी. पृथ्वी हिंसा से भरती जा रही है.
आज लोगों के मन में धर्माधता और कट्टरता न होती, तो पूरी धरती पर अमन-चैन का वास होता. इसीलिए आज भी स्वामी विवेकानंद के विचार न केवल प्रासंगिक है, बल्कि शिक्षा देनेवाले हैं.
विवेकानंद विमल, मधुपुर

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