विकास के लिए हो रही है अच्छी पहल

विकास के लिए आधारभूत संरचना की अहमियत समङो बिना विकास के सारे संकल्प भाषण बन कर रह जाते हैं. झारखंड के नये मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य के विकास के लिए छत्तीसगढ़ मॉडल को जिस गंभीरता से लिया है, स्थिति में परिवर्तन के लिए सिर्फ इनता ही काफी नहीं. यह ठीक है कि झारखंड गठन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2015 6:32 AM

विकास के लिए आधारभूत संरचना की अहमियत समङो बिना विकास के सारे संकल्प भाषण बन कर रह जाते हैं. झारखंड के नये मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य के विकास के लिए छत्तीसगढ़ मॉडल को जिस गंभीरता से लिया है, स्थिति में परिवर्तन के लिए सिर्फ इनता ही काफी नहीं.

यह ठीक है कि झारखंड गठन के साथ ही उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ भी बने थे और दोनों की तुलना में झारखंड कहीं नहीं टिकता है. छत्तीसगढ़ के रायपुर में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण विभाग के मंत्रियों के सम्मेलन के बाद केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात में मुख्यमंत्री का यह रुख सामने आया.

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने न सिर्फ पूरी समस्या सविस्तार मांगी, बल्कि भरोसा भी दिया कि इसके बाद झारखंड के सारे फीडबैक का अध्ययन केंद्रीय अधिकारी करेंगे. केंद्रीय मंत्री नेमसले के समाधान के लिए खुद रांची आने की बात भी कही. रोड रिक्वायरमेंट प्लान के तहत उग्रवाद प्रभावित जिलों में सड़कों और पुलों का निर्माण किसी अभियान के तहत होगा.

मुख्यमंत्री ने न सिर्फ उग्रवाद प्रभावित इलाकों की समस्याएं केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखीं, बल्कि योजनाओं को समय सीमा के भीतर पूर्ण करने की भी मांग रखी. पिछली राज्य सरकार में झारखंड के उग्रवाद प्रभावित 17 जिलों में विकास कार्य के लिए कैबिनेट ने प्रति जिला 30 करोड़ रुपये के हिसाब से 510 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी. यही नहीं, बीते दिनों हेमंत सोरेन सरकार ने आनन-फानन में तीन दिनों के भीतर प्रशासनिक अधिकारियों के कुल 69 पदों को बढ़ा कर 170 कर दिया था.

और ताज्जुब कि यह सब कुछ करने में सरकार को सिर्फ तीन दिन लगे थे. और कहा जाता है कि यह सब सिर्फ कुछ अधिकारियों को असमय प्रोन्नति का लाभ देने के लिए हुआ था. रघुवर दास की नयी सरकार ने अधिकारियों की इस फौज को न सिर्फ घटाने का फैसला किया है, बल्कि कुटीर उद्योग का रूप ले चुके तबादला-तैनाती पर भी रोक लगाने का संकल्प प्रदर्शित किया है. नक्सल क्षेत्रों में सड़क के लिए केंद्र के कार्यक्रम के आलोक में राज्य सरकार की त्वरित पहल को सरकार के विकासपरक दृष्टि से जोड़ कर देखा जा सकता है.

Next Article

Exit mobile version