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लगातार दूसरी बार कैरेबियाई टीम ने साबित की बादशाहत

1979 वर्ल्ड कप : फाइनल में वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को दी मात अनुज कुमार सिन्हा 1979 में खेले गये दूसरे वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज ने लगातार दूसरी बार विजेता बन कर यह साबित कर दिया था कि वनडे का बादशाह वही है. 23 जून 1979 को लॉर्डस में खेले गये फाइनल में वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2015 6:27 AM
1979 वर्ल्ड कप : फाइनल में वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को दी मात
अनुज कुमार सिन्हा
1979 में खेले गये दूसरे वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज ने लगातार दूसरी बार विजेता बन कर यह साबित कर दिया था कि वनडे का बादशाह वही है.
23 जून 1979 को लॉर्डस में खेले गये फाइनल में वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को 94 रन से हरा कर खिताब पर कब्जा किया था. पहले वर्ल्ड कप के फाइनल में जहां कप्तान लॉयड का जलवा (102 रन) चला था, वहीं इस बार यह करिश्मा दिखाया था विवियन रिचर्डस (138 रन) ने.
खाता भी नहीं खुला भारतीय टीम का
भारत के लिए दूसरा वर्ल्ड कप तो पहले से भी खराब रहा था. पहले वर्ल्ड कप में भारत ने कम से कम ईस्ट अफ्रीका को हरा कर जीत का खाता तो खोला था लेकिन एक भी मैच में भारत को जीत नहीं मिली थी. यहां तक कि उसे श्रीलंका (तब वह टेस्ट भी नहीं खेलता था) तक ने हरा दिया था.
तब वनडे मैचों का प्रचलन भी नहीं था. पहले और दूसरे वर्ल्ड कप के बीच पूरी दुनिया में सिर्फ 28 वन डे मैच खेले गये थे. इसमें से भारत ने पांच मैच खेले थे. चार साल में सिर्फ पांच मैच, उसमें से सिर्फ एक में जीत. भारत के लिए कप्तान वही वेंकटराघवन थे जो 1975 के कप्तान थे. हां, तेज गेंदबाज कपिल देव पहली बार वर्ल्ड कप खेल रहे थे. जिस कपिल ने चार साल बाद 1983 में भारत को वर्ल्ड कप चैंपियन बनाया था, उनका प्रदर्शन 1979 में बिल्कुल साधारण रहा था. तीन मैचों में दो विकेट और रन सिर्फ 51.
191 रन रहा भारत का उच्चतम स्कोर
इस वर्ल्ड कप में भारत एक बार भी 200 का स्कोर पार नहीं कर सका था. पहले मैच में उसने 190 रन बनाये थे जबकि दूसरे और तीसरे मैच में क्रमश: 182 और 191 रन पर भारत की टीम सिमट गयी थी. भारतीय गेंदबाजों की हालत यह थी कि तीन मैचों में सिर्फ नौ विकेट ले सके थे. (पहले मैच में एक विकेट, दूसरे में दो और तीसरे में पांच विकेट). पहले ही मैच में भारत का मुकाबला वेस्ट इंडीज से हुआ था. भारत बुरी तरह नौ विकेट से हारा था. भारतीय टीम 53.1 ओवर में सिर्फ 190 रन पर आउट हो गयी थी. सिर्फ विश्वनाथ 75 रन बनाकर कुछ मुकाबला कर पाये थे.
वेस्ट इंडीज ने ग्रीनिज के शतक (106) के साथ सिर्फ एक विकेट खोकर जीत के लिए 194 रन का लक्ष्य पा लिया था. भारत का दूसरा मैच न्यूजीलैंड से था. भारत इस मैच में 182 पर सिमटा था. न्यूजीलैंड की ओर से ब्रूस एडगर के 84 रन की बदौलत उसने भारत को आठ विकेट से पराजित किया था. अब तक दोनों मैच भारत हारा था.तीसरा मैच था श्रीलंका से. उन दिनों कमजोर टीम थी.
लेकिन इस कमजोर टीम से भी भारत हार गया था. पहले खेलते हुए श्रीलंका की टीम ने 238 रन बनाये थे. भारत सिर्फ 191 पर सिमट गया था. यानी तीन मैच, तीनों में हार. यह था भारतीय टीम का प्रदर्शन.
पूर्वी अफ्रीका की जगह कनाडा ने लिया भाग
यह तो था भारतीय टीम के बारे में. अब निगाहें अन्य टीमों पर थी. 1979 के वर्ल्ड कप में भी आठ टीमों ने भाग लिया था. अंतर सिर्फ इतना था कि पूर्वी अफ्रीका की जगह इस बार कनाडा टीम थी.
हालांकि कनाडा की टीम भारत के ग्रुप में नहीं थी, वरना तीन में एक मैच जीतने की उम्मीद बन सकती थी. ग्रुप मैच के बाद न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज और पाकिस्तान की टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी. ऑस्ट्रेलिया इस बार नहीं था.
पहले सेमीफाइनल में जीता इंग्लैंड
पहले सेमीफाइनल में इंग्लैंड ने रोचक मुकाबले में न्यूजीलैंड को नौ रन से हरा दिया था. इंग्लैंड ने पहले खेलते हुए 221 रन बनाये थे. जवाब में एक समय न्यूजीलैंड की टीम ने छह विकेट पर 180 रन बना लिये थे लेकिन इसके बाद शेष चार विकेट सिर्फ 32 रन पर गिर गये. दूसरा सेमीफाइनल भी रोचक ही था. वेस्टइंडीज ने पहले खेलते हुए 293 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था.
उस समय यह बड़ा स्कोर माना जाता था. जवाब में पाकिस्तान की टीम एक समय एक विकेट पर 176 रन बना चुकी थी. माजिद खान 81 और जहीर अब्बास ने 93 रन की पारी खेली थी लेकिन बाद के बल्लेबाज कुछ नहीं कर पाये और पाकिस्तान की टीम 250 पर सिमट गयी थी. वेस्टइंडीज फाइनल में पहुंच चुका था.
फाइनल में अच्छी स्थिति के बाद लड़खड़ा इंग्लैंड
23 जून, 1979 को फाइनल खेला गया था. वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच. वेस्टइंडीज की टीम फार्म में तो थी ही. उसने 60 ओवर में 286 का स्कोर बना लिया. विवियन रिचर्डस ने तूफानी 138 रन बनाये थे. कोलिन किंग ने 66 गेंदों पर 86 रन की पारी खेली थी. माइक ब्रेयरली और ज्योफ बायकट ने पहले विकेट के लिए 129 रन जोड़े. एक समय इंग्लैंड का स्कोर था दो विकेट पर 183 रन. लग रहा था कि इंग्लैंड जीत की ओर बढ़ रहा है.
इसी बीच गारनर ने शानदार स्पेल किया और क्राफ्ट के साथ मिल कर उसने इंग्लैंड के शेष आठ विकेट को 11 रन के अंदर समेट दिया. जो टीम दो विकेट पर 183 पर थी, वही टीम 194 रन पर आउट हो चुकी थी. गारनर ने मात्र 11 गेंद पर पांच विकेट लेकर पासा पलट दिया था. इस प्रकार दूसरी बार वेस्टइंडीज चैंपियन बन चुका

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