नाम बदलने से नियति नहीं बदलती
मोदी ने सरकार गठन के कुछ दिनों के बाद ही योजना आयोग को समाप्त कर इसका नया स्वरूप दिया और इसका नाम बदल कर नीति आयोग रखा. मोदी के अनुसार अब वक्त भूमंडलीकरण और नयी आर्थिक नीतियों को लागू करने का है. बदलती दुनिया के हिसाब से नीतियां बनाना जरूरी है. नवनिर्मित नीति आयोग के […]
मोदी ने सरकार गठन के कुछ दिनों के बाद ही योजना आयोग को समाप्त कर इसका नया स्वरूप दिया और इसका नाम बदल कर नीति आयोग रखा. मोदी के अनुसार अब वक्त भूमंडलीकरण और नयी आर्थिक नीतियों को लागू करने का है. बदलती दुनिया के हिसाब से नीतियां बनाना जरूरी है. नवनिर्मित नीति आयोग के पीछे एक स्वच्छ दृष्टि और एक मजबूत इरादा है.
दरअसल, विकास का नेहरू मॉडल अपनी प्रासंगिकता खो चुका है. पुरानी नीतियों को दशकों तक ढोने का ही नतीजा देश का विकास नहीं होना है. हालांकि, इस नये नीति आयोग की आलोचनाएं काफी हो रही हैं, लेकिन देश के लोगों की अपेक्षाएं भी अधिक हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि सिर्फ आयोग का नाम बदलने से ही देश का विकास नहीं होता. देश के विकास के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत है, जिसकी इस देश में कमी है.
पूनम गुप्ता, मधुपुर